उत्तर प्रदेश में आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक और मजबूत कदम रखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गोरखपुर औद्योगिक विकास प्राधिकरण क्षेत्र में 1,200 करोड़ रुपए की लागत से बने अत्याधुनिक अनाज आधारित डिस्टिलरी एवं इथेनॉल प्लांट का लोकार्पण किया। इस परियोजना को सुपर मेगा परियोजना की श्रेणी में रखा गया है और इसे प्रदेश में हरित ऊर्जा व किसान की आमदनी बढ़ाने की दिशा में बड़ी उपलब्धि के तौर पर देखा जा रहा है।
गोरखपुर में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि यह केवल डिस्टिलरी नहीं, बल्कि देश की ऊर्जा आत्मनिर्भर की ओर एक क्रांतिकारी इथेनॉल प्लांट है। उन्होंने कहां, यह प्लांट पहले चरण में प्रतिदिन 3.5 लाख लीटर इथेनॉल का उत्पादन करेगा, जिसे आगे चलकर 5 लाख लीटर प्रतिदिन तक बढ़ाया जाएगा।
योगी ने कहां कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में गन्ने जैसे अधिशेष कृषि उत्पादों से इथेनॉल उत्पादन की मंजूरी मिलने के बाद देश में इथेनॉल उत्पादन 42 लाख लीटर से बढ़कर 177 करोड़ लीटर तक पहुंच गया है। उन्होंने बताया कि इथेनॉल का इस्तेमाल सिर्फ कारों के ईंधन में ही नहीं बल्कि हवाई जहाजों में भी किया जा रहा है, जिससे भारत के डीजल और पेट्रोल के आयात पर होने वाला खर्ज कम होगा।
मुख्यमंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि भारत हर साल पेट्रोल और डीजल के आयात पर लगभग 7 से 8 लाख करोड़ रुपए खर्च करता है। ऐसे में इथेनॉल मिश्रण कार्यक्रम से विदेशी मुर्दा की बचत होगी और किसानों को भी उनकी फसल का बेहतर दाम मिलेगा।
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