कृषि निर्यात में मजबूती देखने को मिल रही है। कृषि निर्यात में मजबूती से वस्तुओं के कुल निर्यात को समर्थन मिलने के साथ किसानों को भी फायदा हो रहा है। नवंबर में वस्तुओं के कुल निर्यात में पिछले साल नवंबर की तुलना में 2.84 प्रतिशत की गिरावट आई है। लेकिन फलों और सब्जियों, कॉफी, मसाला, मांस, डेयरी व पोल्ट्री उत्पाद, ऑयल मिल्स, तैयार अनाज व खाने के प्रोसेस्ड आइटम के निर्यात में बढ़ोतरी हुई है।
वाणिज्य व उद्योग मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक नवंबर में फलों और सब्जियों के निर्यात में पिछले साल नवंबर महीने की तुलना में 31.14 प्रतिशत का इजाफा हुआ है। आपको बता दें कि थाईलैंड, मलेशिया, सिंगापुर व कई यूरोपीय देशों में भारतीय सब्जी व फल की मांग लगातार बढ़ रही है। मांस, डेयरी व पोल्ट्री उत्पादों के निर्यात में इस साल नवंबर में पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 20 प्रतिशत का इजाफा रहा।
नवंबर में कॉफी के निर्यात में 11 प्रतिशत, मसाले में 11.30 प्रतिशत, ऑयल मिल्स में 17.22 प्रतिशत तो तैयार अनाज एवं प्रोसेस्ड खाद्य आइटम के निर्यात में 5.90 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज हुई है। फलों और सब्जियों के निर्यात में वृद्धि एक सकारात्मक विकास है। यह भारत के कृषि क्षेत्र के लिए एक अच्छा संकेत है। सरकार को इस वृद्धि को बनाए रखने के लिए प्रयास करने चाहिए। यह वृद्धि किसानों के लिए भी फायदेमंद है।
क्योंकि इससे उन्हें अपनी फसलों के लिए बेहतर मूल्य मिल पा रहा है। यह उम्मीद की जाती है कि आने वाले समय में फलों और सब्जियों के निर्यात में और भी वृद्धि होगी। यह भी ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि भारत में अभी भी खाद्य प्रसंस्करण उद्योग का विकास अपेक्षाकृत कम है। यदि इस उद्योग का विकास होता है, तो फलों और सब्जियों के निर्यात में और भी अधिक वृद्धि हो सकती है।
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