भारत में खरीफ मौसम की फसलों में धान, मक्का, ज्वार, बाजरा, अरहर, मूंग, उड़द, सोयाबीन, मूंगफली, तिल, और कपास की खेती मुख्य रूप से की जाती हैं। इन फसलों की बुआई के लिए अधिक तापमान एवं फसलों के पकते समय शुष्क वातावरण की ज्यादा आवश्यकता होती हैं। भारत में खरीफ फसलों को जून से जुलाई के महीने में बोया जाता हैं।
जो अक्टूबर से नवंबर तक पूरी तरह से पककर तैयार हो जाती है। खरीफ की फसल में बुआई से लेकर कटाई तक कई प्रकार के कृषि यंत्रों का प्रयोग किया जाता हैं, जो उचित व्यवस्था के साथ लागत, मेहनत और समय को बचाने के लिए जाने जाते हैं।
ये यंत्र खेत की तैयारी से लेकर बुआई और कटाई के लिए विभिन्न प्रकार और आकार के होते हैं। साथ ही अलग-अलग फसलों में प्रयोग करने के अनुरूप भी इनमें कई प्रकार की भिन्नता देखने को मिलती हैं।
अगर हमारे किसान भाई भी खरीफ मौसम में की जाने वाली फसलों की खेती को आसान बनाना चाहते हैं तो खरीफ मौसम में बाई जाने वाली फसलों के लिए उपयोगी कृषि यंत्रों की जानकारी कृषि जागृति के इस पोस्ट में विस्तार में विस्तार से प्राप्त करें!
मिट्टी पलटने वाली हल (एमबी प्लाऊ): यह कृषि यंत्र खेत तैयार करने के लिए बहुत महत्वपूर्ण होती हैं। इसका प्रयोग खेत की मिट्टी को गहरा काटने और पलटने के लिए किया जाता हैं। यह विभिन्न मापो एवं आकार में भूमि के प्रकार एवं पशु शक्ति के अनुसार उपलब्ध हैं। यह यंत्र खेत गहरी जुताई के लिए बहुत उपयोगी है।
कल्टीवेटर: इस यंत्र को खेत की जुताई के बाद खेतों में ढेलो को फोड़ने, जड़ों को ऊपर लाने और कतार युक्त फसलों की निराई गुड़ाई के प्रयोग में लाया जाता हैं।
हैरो: इस यंत्र से घास फूल और जड़ों को खेत से हटाने के लिए इस यंत्र का प्रयोग किया जाता हैं। यह मिट्टी को भुरभुरी बनाने और मिट्टी में नमी बनाए रखने में भी काफी उपयोगी है।
पडलर: यह यंत्र धान की खेती के लिए प्रयोग होने वाला एक महत्वपूर्ण यंत्र है जो धान मैं होने वाले खरपतवारो को नष्ट करने, जमीन के अंदर पानी के रिसाव को कम करने एवं धान के पौधों को रोपाई के लिए प्रयोग किया जाता हैं।
ट्रेक्टर चालित बीज एवं उर्वरक बुआई यंत्र: इस यंत्र की मदद से खेतों में बीज और खाद को भूमि की उचित गहराई तक पहुंचाया जा सकता हैं। यह यंत्र 7 से 13 कतारों में एक साथ बुआई कर सकता हैं। कतारों की दूरी को फसल के अनुरूप बदला भी जा सकता हैं।
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