स्वस्थ और तंदुरुस्त पशुओं की दूध उत्पादन क्षमता ज्यादा होती है। यदि आप डेयरी व्यवसाय से जुड़े हैं तो अधिक मुनाफा प्राप्त करने के लिए पशुओं का स्वस्थ और तंदुरुस्त रखना बहुत जरूरी है। इसके विपरीत दुबले पतले पशुओं में कई तरह के रोगों के होने की संभावना भी बढ़ जाती है। कई बार पशुपालक यह सवाल हमेशा करते हैं कि गाय और भैंस को मोटा कैसे करें!
इस सवाल के जवाब के लिए कृषि जागृति के इस पोस्ट को ध्यान पूर्वक पढ़ें। यहां से आप पशुओं का वजन कम होने के नुकसान, पशुओं का वजन बढ़ाने से पहले ध्यान में रखने वाली कुछ बातें एवं पशुओं का वजन बढ़ाने के तरीकों के बारे में विस्तार से जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
पशुओं का वजन कम होने के नुकसान
उत्पादकता में कमी: कम वजन वाले पशुओं की उत्पादकता धीरे-धीरे कम होने लगती हैं। ऐसे पशु शारीरिक रूप से काफी कमजोर हो जाते हैं। ओर काफी कम मात्रा में दूध का उत्पादन करते हैं।
रोगों का खतरा: कम वजन वाले या कुपोषित पशु विभिन्न रोगों एवं संक्रमणों के प्रति ज्यादा संवेदनशील होते हैं।
प्रजनन क्षमता में कमी: वजन कम होने से पशुओं की प्रजनन क्षमता भी काफी प्रभावित होती है। इससे प्रजनन क्षमता कम हो जाती है और गर्भधारण दर कम हो जाती है।
बाजार मूल्य में कमी: कम वजन वाले या कुपोषित पशुओं की बिक्री करने पर पशु पलकों को उचित मुनाफा नहीं मिल पाता है। ऐसे गाय और भैंस वांछित वजन या गुणवत्ता मानकों को पूरा नहीं कर पाते हैं। जिससे उनका बाजार मूल्य कम हो जाता है।
पशुओं का वजन बढ़ाने से पहले रखें इन खास बातों का ध्यान
पशुओं की आयु: छोटे पशुओं का शारीरिक विकास ज्यादा होता है। वहीं वयस्क पशुओं का वजन बढ़ने में कम समय लगता है।
पशुओं की नस्ल: देसी नस्ल के पशुओं की तुलना में विदेशी नस्ल के पशुओं का वजन तेजी से बढ़ता है।
पशुओं का स्वभाव: चिड़चिड़े और बेचैन रहने वाले पशुओं की तुलना में सक्रिय, सौम्य, शांत और आसानी से संभाले जाने वाले पशुओं का वजन एवं शारीरिक विकास बेहतर होता है।
पशु आहार की मात्रा: पशुओं को उनकी आयु, वजन ओर नस्ल के अनुसार आहार देना चाहिए। तेजी से वजन बढ़ाने के लिए आवश्यकता से अधिक मात्रा में पशुओं को आहार का सेवन कराने से बचें।
आहार की गुणवत्ता: आहार की गुणवत्ता पशुओं के विकास और वजन को बढ़ाने के लिए एक महत्वपूर्ण पहलू है।
स्वास्थ्य जांच: अपने पशुओं का पशु चिकित्सक के द्वारा नियमित रूप से स्वास्थ्य जांच कराते रहें। इससे स्वास्थ्य समस्या की पहचान करने में मदद मिलती है और उन्हें पशु के विकास और वजन बढ़ने को प्रभावित करने से रोक सकती हैं।
पशुओं का वजन बढ़ाने का ये है जबरदस्त उपाय
पशुओं के लिए बाईपास फैट: गाय एवं भैंस को शारीरिक रूप से मजबूत बनाने के लिए बाईपास फैट देना लाभदयाद साबित हो सकता है। यह एक तरह का पशु आहार है। इसे अच्छी तरह पका कर गाय और भैंस को नियमित रूप से दे सकते हैं। शुरुआत में पशुओं को प्रति दिन केवल 100 ग्राम बाईपास फैट देना चाहिए। इसके बाद इसकी मात्रा को धीरे-धीरे बढ़ाते हुए प्रति दिन 600 ग्राम तक कर सकते हैं।
बिनौला का सेवन: गाय या भैंस को मोटा तगड़ा बनाने के लिए बिनौला खिला सकते हैं। बिनौला के सेवन से पशुओं का वजन बढ़ने के साथ उनकी त्वचा चमकदार हो जाती है। पशुओं को बिनौला खिलाने से पहले उसे अच्छी तरह भून लें या पका लें। ध्यान रहे पशुओं को कच्चा बिनौला खिलाने से उनकी सेहत काफी खराब हो सकती है।
आहार में शामिल करें सोयाबीन: पशुओं को मोटा तगड़ा बनाने के लिए उनके आहार में प्रतिदिन सोयाबीन शामिल करें। पशुओं के आहार में अचानक बदलाव करने से उनकी सेहत पर प्रतिकूल असर पड़ सकता है। इसलिए शुरुआत में गाय और भैंस के आहार में प्रतिदिन केवल 100 ग्राम सोयाबीन की मात्रा शामिल करें। इसके बाद धीरे धीरे इसकी मात्रा को बढ़ाए। इससे गाय और भैंस कुछ ही दिनों में मोटी तगड़ी हो जाएंगी।
वजन बढ़ाने के लिए सरसों: पशुओं के आहार में सरसों के तेल के साथ दाना और खली देना शुरू करें। इससे पशुओं का वजन तेजी से बढ़ता है और कुछ ही दिनों में आप पशु में शारीरिक बदलाव देख सकते हैं।
पशुओं का चारा: पशुओं का वजन बढ़ाने के लिए गेहूं, ज्वार, मक्का और जई को भी उनके आहार में शामिल कर सकते हैं। ये आहार पशुओं का वजन बढ़ाने में काफी सहायक है।
वजन बढ़ाने की दवा: यदि आपके पशु बहुत दुबले पतले हैं और उनके आहार में बिनौला, सरसों, सोयाबीन आदि शामिल करने के बाद भी पशुओं का वजन नहीं बढ़ रहा है तो पशु चिकित्सक की परामर्श के अनुसार भैंस को मोटा करने की दवा दे सकते हैं।
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