केंद्र सरकार ने फसल कटाई के बाद की सुविधाओं को बेहतर बनाने और किसानों को अधिक लाभ दिलाने के उद्देश्य से कृषि अवसंरचना कोष यानी एआईएफ के तहत अब तक 92 हजार से ज्यादा परियोजनाओं को मंजूरी देते हुए 58 हजार करोड़ रुपए के प्रस्तावों को स्वीकृति दी है। सूत्रों के अनुसार, अब तक कृषि मंत्रालय द्वारा स्वीकृत परियोजनाओं से 91,856 करोड़ रुपए का निवेश जुटाया जा चुका है।
जिसमें निजी संस्थानों का महत्वपूर्ण योगदान है। एक अधिकारी ने बताया कि बेहतर विपणन बुनियादी ढांचे और लॉजिस्टिक्स से फसल कटाई के बाद होने वाले नुकसान में कमी आएगी और किसानों की आय में वृद्धि होगी।
एआईएफ के तहत मिलने वाली वित्तीय सहायता
यह योजना फॉर्म गेट स्टोरेज और लॉजिस्टिक्स इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास पर केंद्रित है, जिससे किसान अपनी उपज को सुरक्षित रूप से स्टोर कर सकें और उसे बेहतर कीमत पर बेच सकें। इस योजना के तहत 7 सालों की अधिकतम चुकौती अवधि के साथ 2 करोड़ रुपए तक का ऋण उपलब्ध कराया जाता है। ब्याज दर पर 3 प्रतिशत की सहायता दी जाती है, जिसमें अधिकतम 9 प्रतिशत ब्याज सीमा तय की गई है।
बैंको द्वारा दी गई ऋण गारंटी फीस की प्रतिपूर्ति भी इस योजना में शामिल है। लाभार्थियों को कुल परियोजना लागत का कम से कम 10 प्रतिशत स्वयं बहन करना होता है। कृषि मंत्रालय ने संसद में दिए बयान में कहां कि यह योजना किसानों और उद्यमियों के बीच सहयोग को प्रोत्साहित करने, ग्रामीण औद्योगिकरण को बढ़ावा देने और कृषि प्रसंस्करण उद्योगों के विस्तार में सहायक साबित हो रही है।
मंत्रालय ने यह भी कहां की बेहतर भंडारण और प्रसंस्करण सुविधाएं जैसे कोल्ड स्टोरेज, छंटाई ग्रेडिंग इकाइयां, गोदाम, पकाने के कक्ष इत्यादि किसानों को सीधे उपभोक्ताओं तक अपनी उपज पहुंचाने में सक्षम बनाएंगे, जिससे उनकी आय में वृद्धि हो रही है।
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