पंजाब के तरन तारन जिले के किसान इस समय मक्का की बुआई के लिए आवश्यक बीज और डीएपी खाद की भारी कमी का सामना कर रहे हैं। यह बुआई के लिए अनुकूल समय है, लेकिन जरूरी संसाधनों की अनुपलब्धता के कारण किसान खेत तैयार करने में कठिनाइयों का सामना कर रहे हैं। मक्का बीज के दामों में भारी वृद्धि भी किसानों के लिए परेशानी का सबब बन गई है।
चार किलोग्राम का पैकेट, जो पहले 2 हजार रुपए में मिलता था, अब 3 हजार रुपए तक पहुंच गया है। इससे प्रति एकड़ खेती में 2 हजार रुपए का अतिरिक्त खर्च बढ़ गया है, क्योंकि एक एकड़ में मक्का लगाने के लिए दो पैकेट बीज की जरूरत होती है। किसान नेताओं का आरोप है कि मक्का की लोकप्रिय किस्म पायनियर-1899 की कृत्रिम कमी पैदा की गई है।
यह बीज एक निजी कंपनी द्वारा उत्पादित किया जाता है, जिसने जानबूझकर इसकी उपलब्धता सीमित कर दी है। किसान नेताओं का कहना है कि राज्य सरकार इस मुद्दे पर करवाई करने से बच रही हैं। कृषि विकास अधिकारी मलकियत सिंह ने मक्का बीज और डीएपी खाद की कमी को स्वीकारते हुए कहां कि इस समस्या को उच्च अधिकारियों तक पहुंचाया जाएगा।
किसानों ने बीज की कमी का तुरंत समाधान निकालने की मांग की और जोर देकर कहां कि कई किसान पहले से ही आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं, ऐसे में यह संकट उनकी परेशानियों को और बढ़ा रहा है।
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