रांची के बिरसा कृषि विश्वविद्यालय में आयोजित एग्रोटेक किसान मेला 2025 में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने घोषणा की हैं कि राज्य सरकार खेतों तक पाइपलाइन के माध्यम से पानी पहुंचाएगी। सरकार किसानों के हित में कई योजनाएं चला रही हैं और लिप्त सिंचाई व्यवस्था को मजबूत करने की दिशा में आगे बढ़ रही है।
मुख्यमंत्री ने कहां कि झारखंड में कृषि को पारंपरिक प्रणालियों के साथ आधुनिक तकनीक से जोड़ने की जरूरत है। जलवायु परिवर्तन के कारण किसानों को कई बार नुकसान उठाना पड़ता है, लेकिन तकनीकी समाधान से इन चुनौतियों का सामना किया जा सकता है। उन्होंने यह भी कहां कि किसानों को बेहतर बाजार उपलब्ध कराने और उत्पादन बढ़ाने के लिए सरकार प्रभावी नीतियां बना रही हैं।
मुख्यमंत्री ने कहां कि राज्य ने प्रदेश में एक लाख से ज्यादा कुएं खोदने का फैसला लिया है। चूंकि झारखंड एक पठारी क्षेत्र है और कई जगहों पर डीप बोरिंग असफल हो जाती है, इसलिए कुओं के निर्माण को प्राथमिकता दी जाएगी। पारंपरिक सिंचाई साधनों को बढ़ावा देने के लिए सभी जरूरी कदम उठाए जाएंगे।
सोरेन ने घोषणा की है कि प्रदेश के सभी जिलों में किसान पाठशाला खोली जाएगी, जहां खेती, पशुपालन और मछली पालन जैसी गतिविधियों की आधुनिक तकनीकों का प्रशिक्षण दिया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहां कि मईयां सम्मान योजना के तहत मिलने वाली राशि से महिलाएं आत्मनिर्भर बन सकती हैं। उन्होंने सुझाव दिया कि इस योजना के माध्यम से महिलाएं डेयरी और पोल्ट्री फार्म शुरू कर सकती हैं।
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