खरगोन, मध्य प्रदेश: राज्य सरकार ने किसानों को नकली खाद से बचाने के लिए बड़ा कदम उठाया है। अब प्रदेश के 10 जिलों में खाद परीक्षण प्रयोगशालाएं स्थापित की जाएंगी, जहां महज 24 घंटे में रिपोर्ट मिल जाएगी। पहले किसानों को खाद के नमूने जांच के लिए इंदौर, भोपाल, जबलपुर जैसे बड़े शहरों में भेजने पड़ते थे, जिसकी रिपोर्ट आने में 20 से 25 दिन लग जाते थे।
इस देरी के कारण किसान उस खाद का इस्तेमाल कर लेते थे और अगर खाद नकली हुई तो उनकी फसल को भारी नुकसान होता था। अब इन प्रयोगशालाओं की मदद से किसानों को समय पर सही जानकारी मिल सकेगी और नकली खाद बेचने वालों पर जल्द कार्रवाई हो सकेगी।
प्रदेश के जिन 10 जिलों में ये प्रयोगशालाएं खुलेगी, उनमें खरगोन, खंडवा, बालाघाट, नरसिंहपुर, झाबुआ, मंदसौर, टीकमगढ़, छतरपुर, भिंड और सीधी शामिल हैं। इन जिलों में पहले से मौजूद मृदा परीक्षण केंद्रों को अपग्रेड कर खाद की जांच भी शुरू की जाएगी। यह प्रयोगशाला खरगोन जिले के सनावद रोड स्थित मृदा परीक्षण केंद्र में बनाई जाएगी।
सरकार ने इसके लिए दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं और संबंधित विभाग ने प्रस्ताव भी भेज दिया है। डीपीआर (विस्तृत परियोजना रिपोर्ट) तैयार करने का काम भी शुरू हो गया है। इस नई व्यवस्था से किसानों को अच्छी और प्रमाणित खाद मिल सकेगी, जिससे उनकी फसल सुरक्षित रहेगी और खाद संबंधी धोखाधड़ी पर रोक लग सकेगी।
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