उत्तर प्रदेश के वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए 8.08 लाख करोड़ रुपए का बजट विधानसभा में पेश किया, जो प्रदेश के इतिहास में अब तक का सबसे बड़ा बजट है। इस मेगा बजट में कृषि और संबद्ध सेवाओं के लिए 11 प्रतिशत राशि आवंटित की गई है, जिससे किसानों को व्यापक लाभ मिलने की उम्मीद है।
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के अंतर्गत प्रदेश के लगभग 3 करोड़ किसानों को 79,500 करोड़ रुपए दिए जाएंगे। वहीं प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत 2024-25 में लगभग 10 लाख किसानों को 496 करोड़ रुपए की क्षतिपूर्ति प्रदान की जाएगी। किसानों की सिंचाई सुविधा बेहतर बनाने के लिए कुसुम योजना के अंतर्गत 22,089 सोलर पंप स्थापित किए जाएंगे, जिससे न केवल ऊर्जा की बचत होगी, बल्कि सिंचाई भी आसान होगी।
मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना के तहत किसी भी दुर्घटना की स्थिति में किसानों को आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी। नहरों और सरकारी नलकूपों से मुक्त सिंचाई सुविधा देने के लिए 1300 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है, जबकि प्रदेश के 1750 असफल नलकूपों के पुनर्निमाण के लिए 200 करोड़ रुपए की व्यवस्था की गई है।
प्रदेश में दलहनी और तिलहनी फसलों की उत्पादकता बढ़ाने के लिए निःशुल्क मिनीकिट वितरण कार्यक्रम जारी रहेगा, जिसके लिए 50 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। उत्तर प्रदेश बीज स्वावलंबन नीति 2024 के अंतर्गत प्रदेश में सीड पार्क विकास परियोजना चलाई जा रही है, जिसके लिए 251 करोड़ रुपए की व्यवस्था की गई है।
राज्य सरकार प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए नेशनल मिशन ऑन नेचुरल फॉर्मिंग योजना को प्रदेश के सभी जिलों में लागू करेगी, जिसके लिए 124 करोड़ रुपए की राशि आवंटित की गई है। इसके अलावा, कृषि क्षेत्र में क्षमता और कौशल विकास को प्रोत्साहित करने के लिए 200 करोड़ रुपए तथा विश्व बैंक सहायतित यू.पी. एग्रीज परियोजना के लिए भी 200 करोड़ रुपए की व्यवस्था की गई है।
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