देश में डायबिटीज के मरीज दिन प्रति दिन तेजी से बढ़ रहे हैं। आजकाल हर उम्र के लोग इसका शिकार हो रहे हैं। डायबिटीज के मरीजों को अक्सर अपने खान पान की कई आदतों पर नियंत्रण रखना होता है। डायबिटीज होने के बाद सभी लोगों को सावधानी से खान पान की जरूरत होती है। हालांकि ऐसे कई खाद्य पदार्थ हैं, जो मधुमेह के रोगियों के लिए किसी औषधि से कम नहीं हैं।
इसके अलावा मधुमेह के मरीज भी नींबू का सेवन कर सकते हैं। नींबू में कई गुण पाए जाते हैं। नींबू सेहत के लिए बहुत ही फायदेमंद माना जाता हैं, यह शुगर लेवल को भी नियंत्रत करने में मदद करता है। नींबू में विटामिन सी प्रचुर मात्रा में होता हैं। इसके साथ ही नींबू में कैल्शियम, पोटैशियम और फाइबर जैसे पोषक तत्व भी मौजूद होते हैं।
इसमें कैंसर रोधी, सूजन रोधी और माइक्रोबियल रोधी गुण भी होते हैं। नींबू का उपयोग डिटॉक्स के रूप में भी किया जाता है। इसके सेवन से खून साफ होता है और अस्थमा में लाभ होता है। कई लोग अपने दिन की शुरुआत नींबू पानी पीकर ही करते हैं।
नींबू मधुमेह के रोगियों के लिए है काफी फायदेमंद
डायबिटीज के मरीजों के लिए नींबू बहुत ही फायदेमंद होता है। नींबू का रस रक्त शर्करा को कम करता है। नींबू कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाला भोजन है। यदि आप अपने आहार में नींबू में 2.4 ग्राम फाइबर होता है। नींबू के सेवन से ट्राइग्लिसराइड का स्तर भी कम होता है।
डायबिटीज के मरीजों को अक्सर पेट खराब होने की समस्या रहती है। ऐसे में उन्हें नींबू का सेवन जरूर करना चाहिए। वास्तव में नींबू का रस नींबू पानी पेट को तेजी से खाली करने और इसे अधिक प्राकृतिक तरीके से स्वस्थ्य रखने में मदद कर सकता है। ऐसे में आप रोज सुबह खाली पेट पानी पीकर अपने मेटाबॉलिज्म को बेहतर बना सकते हैं।
नींबू हृदय रोग के खतरे को कम करने में कगार
नींबू में पोटेशियम भी अच्छी मात्रा में मौजूद होती है। पोटैशियम रोगी के रक्तचाप को कम करने में काफी सहायक होता है। इससे हृदय रोग का खतरा कम हो सकता है।
नींबू डिहाइड्रेशन को कम करने में हैं कारगर
मरीजों को अक्सर निर्जलीकरण का खतरा रहता है। सामान्य से ज्यादा रक्त आपके शरीर से तरल पदार्थ निकाल देता हैं। अगर आप स्वस्थ रहना चाहते हैं तो आपको अपनी डाइट में नींबू को शामिल कर लेना चाहिए।
नींबू लिवर और किडनी के लिए है काफी फायदेमंद
लिवर और किडनी की बीमारियों में नींबू बहुत प्रभावी ढंग से काम करता है। यह इन दिनों के लिए डिटॉक्सिफायर का काम करता है। दोनों के काम में तेजी लाता है। इससे मरीजों में ये दोनों चीजें स्वस्थ रहती हैं।
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