हरियाणा सरकार ने रबी फसलों के प्रति एकड़ औसत उत्पादन की सीमा में बढ़ोतरी करने का फैसला किया है। इससे उन किसानों को भी राहत मिलेगी, जो अधिक पैदावार होने के कारण अपनी पूरी फसल को न्यूनतम समर्थन मूल्य पर नहीं बेच पाते थे।
किसानों की समस्याओं को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार ने एक कमेटी का गठन किया था, जिसने उत्पादन सीमा पर अध्ययन किया। प्रदेश के मुख्यमंत्री ने कमेटी की सिफारिशों पर मुहर लगाते हुए नई उत्पादन सीमाएं तय की हैं, जो रबी खरीद सीजन 2025-26 से लागू होंगी। एक सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि जौ की फसल उत्पादन सीमा को प्रति एकड़ 15 क्विंटल से बढ़ाकर प्रति एकड़ 16 क्विंटल किया गया है।
चने की औसत उत्पादन सीमा प्रति एकड़ 5 क्विंटल से बढ़ाकर प्रति एकड़ 6 क्विंटल तथा सूरजमुखी की उत्पादन सीमा प्रति एकड़ 8 क्विंटल से बढ़ाकर प्रति एकड़ 9 क्विंटल की गई है। गर्मी में पैदा होने वाली मूंग की फसल की औसत उत्पादन सीमा प्रति एकड़ 3 क्विंटल से बढ़ाकर प्रति एकड़ 4 क्विंटल निर्धारित हुई है।
इसी तरह कमेटी ने मसूर की दाल के औसत उत्पादन को भी निर्धारित किया है, जो अभी तक तय नहीं था। कमेटी के अनुसार मसूर का औसत उत्पादन अनुमान प्रति एकड़ 4 क्विंटल तय किया गया है। हालांकि गेहूं की औसत उत्पादन सीमा में कोई बदलाव नहीं किया गया है और इसे पहले की तरह प्रति एकड़ 25 क्विंटल पर बरकरार रखा गया है।
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