केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने नई दिल्ली में बिल गेट्स के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक के बाद घोषणा की कि भारत सरकार और बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन कृषि, खाद्य सुरक्षा, कृत्रिम बुद्धिमत्ता यानि एआई संचालित कृषि और जलवायु अनुकूल तकनीकों के क्षेत्र में अपने सहयोग को और गहरा करेंगे। इस साझेदारी के तहत डिजिटल कृषि, जैव प्रौद्योगिकी और जलवायु अनुकूल खेती जैसी पहलों को अधिक गति मिलेगी।
चौहान ने कहां, बिल गेट्स और उनकी टीम के साथ चर्चा के दौरान कई अहम मुद्दों पर बातचीत हुई। गेट्स फाउंडेशन वैश्विक सर्वोत्तम कृषि पद्धतियों को साझा करता है और समुदायों के उत्थान के लिए काम कर रहा है। विशेष रूप से एआई संचालित कृषि, कृषि फिनटेक और जलवायु सम्राट तकनीकों में सहयोग को मजबूत करने की अपार संभावनाएं हैं।
चौहान ने कहां कि भारत अपनी सर्वोत्तम कृषि तकनीकों को विश्व के साथ साझा करने के लिए तत्पर है। भारत सरकार एग्रीस्टैक पहल के तहत डिजिटल कृषि बुनियादी ढांचे का विकास कर रही है, जिससे किसानों को डेटा आधारित निर्णय लेने और वित्तीय समावेशन में मदद मिलेगी। गेट्स फाउंडेशन के सहयोग से यह प्रणाली और मजबूत होगी।
गौरतलब है कि भारत ने पिछले दशक में 4 प्रतिशत से अधिक की औसत वार्षिक कृषि वृद्धि दर बनाए रखी है। दुनिया की कुल कृषि भूमि और मीठे पानी का केवल 4 प्रतिशत हिस्सा रखने के बावजूद भारत वैश्विक आबादी के 18 प्रतिशत और अपने पशुधन के 15 प्रतिशत के लिए खाद्य सुरक्षा प्रदान करता है। साथ ही भारत बाजार, मसाले, दूध और दालों का सबसे बड़ा उत्पादक है और चावल, गेहूं और फलों और सब्जियों का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक हैं।
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