केंद्र सरकार ने 1 अप्रैल से प्याज निर्यात पर लगे 20 प्रतिशत शुल्क को हटा दिया है। उपभोक्ता कार्य, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय ने कहा कि इस निर्णय से किसानों को लाभकारी मूल्य मिलेगा और घरेलू बाजार में प्याज की उपलब्धता बनी रहेगी।
गौरतलब है कि सरकार ने पिछले साल 13 सितंबर को प्याज की घरेलू उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए 20 प्रतिशत निर्यात शुल्क लगाया था। इसके अलावा न्यूनतम निर्यात मूल्य और अन्य निर्यात प्रतिबंधों को भी लागू किया गया था।
मंत्रालय के अनुसार, इस साल रबी प्याज के उत्पादन में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है, जिससे बाजार में कीमतों में गिरावट आई है। अनुमान के मुताबिक रबी सीजन में प्याज का उत्पादन 227 लाख टन रहेगा, जो पिछले साल के 192 लाख टन से 18 प्रतिशत ज्यादा है।
भारत में रबी प्याज का उत्पादन कुल वार्षिक उत्पादन का 70 से 75 प्रतिशत होता है और यह अक्टूबर नवंबर में खरीफ फसल आने तक कीमतों को स्थिर बनाए रखने में मदद करता है। बढ़ी हुई उपज और निर्यात शुल्क हटने से प्याज के दाम संतुलित रहने की संभावना है।
सरकार के इस फैसले से किसानों को बेहतर कीमत मिलने की उम्मीद है, क्योंकि निर्यात पर से प्रतिबंध हटने से अंतरराष्ट्रीय बाजारों में प्याज की मांग बढ़ेगी। वहीं प्याज निर्यातकों को भी इससे राहत मिलेगी, क्योंकि अब वे अंतरराष्ट्रीय बाजार में प्रतिस्पर्धा दरों पर प्याज बेच सकेंगे।
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