राजस्थान की जोधपुर मंडी में 17 से 24 मार्च के बीच सरसों की कीमतों में 50 रुपए प्रति क्विंटल की वृद्धि दर्ज की गई। 17 मार्च को मंडी में सरसों का भाव 5,150 रुपए प्रति क्विंटल था, जो 24 मार्च को बढ़कर 5,200 रुपए प्रति क्विंटल हो गया। हालांकि यह अब भी केंद्र सरकार द्वारा तय किए गए न्यूनतम समर्थन मूल्य 5,950 रुपए प्रति क्विंटल से बहुत कम है।
राजस्थान में सरसों की नई फसल की आवक 3.5 लाख बोरी तक पहुंच गई है, जिससे बाजार में आपूर्ति बढ़ी और कीमतों में गिरावट आई। आमतौर पर रोजाना 3.5 से 4 लाख बोरी की मांग रहती है, लेकिन अचानक आवक बढ़ने से बाजार पर दबाव बढ़ा है। हालांकि कुछ किसान बेहतर कीमतों की उम्मीद में स्टॉक रोककर बैठे हैं, जिससे कीमतों में कुछ स्थिरता देखने को मिल रही है।
सरकार ने चालू विपणन वर्ष में राजस्थान, हरियाणा, मध्य प्रदेश, गुजरात और उत्तर प्रदेश जैसे प्रमुख राज्यों से 18.88 लाख टन सरसों खरीदी गई है। पहले से खरीदे गए स्टॉक को मिलाकर सरकारी एजेंसियों के पास अब कुल 26.38 लाख टन सरसों का भंडार है। इसके अलावा स्टॉकिस्टों के पास 7 से 8 लाख टन अतिरिक्त सरसों उपलब्ध है।
कृषि मंत्रालय के अनुमान के मुताबिक 2024- 25 में रबी सीजन के दौरान सरसों का उत्पादन 121 लाख टन तक पहुंच सकता है। सरकार ने मध्य प्रदेश से 4.9 लाख टन, उत्तर प्रदेश से 4.7 लाख टन, हरियाणा से 3.3 लाख टन, गुजरात से 1.2 लाख टन, असम से 62,774 टन और छत्तीसगढ़ से 3,050 टन सरकारी खरीद को मंजूरी दी है। असम में नेफेड और एनसीसीएफ ने खरीद शुरू कर दी है, जबकि अन्य राज्यों में यह प्रक्रिया अगले महीने शुरू होगी।
सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन के आंकड़ों के अनुसार, फरवरी 2024 से जनवरी 2025 तक सरसों खली के निर्यात में 19 प्रतिशत की गिरावट आई है। यह पिछले साल के 228 लाख टन की तुलना में घटकर 185.4 लाख टन रह गया है। हालांकि जनवरी 2025 में निर्यात में 49 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई, जो दिसंबर के 88,746 टन से बढ़कर 131,641 टन पर पहुंच गया। बांग्लादेश भारतीय सरसों खली का प्रमुख आयातक बना हुआ है, लेकिन हाल के महीनों में बाजार में अनिश्चितता के कारण निर्यात चुनौतियों का सामना कर रहा है।
सरसों के उत्पादन में बढ़ोतरी से बाजार में आपूर्ति बढ़ेगी। साथ ही सरसों खली के निर्यात की चुनौतियों के चलते कीमतों पर दबाव बना रह सकता है। हालांकि सरकारी खरीद से कीमतों को समर्थन मिलने की उम्मीद है। इस स्थिति को देखते हुए निकट भविष्य में सरसों की कीमतें 5,600 रुपए से 6,400 रुपए प्रति क्विंटल के दायरे में रहने का अनुमान है।
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