रबी फसल की कटाई के बाद गोपालगंज जिले में सूरजमुखी की खेती की तैयारियां जोरों पर हैं। गरम फसल अभियान के तहत इस साल 280 हैक्टेयर क्षेत्र में सूरजमुखी की खेती का लक्ष्य रखा गया है। कृषि विभाग ने जिले के 14 प्रखंडों में किसानों को जागरूक करने और खेती को प्रोत्साहित करने का कार्य शुरू कर दिया है।
कृषि विभाग ने किसानों को रियायती दरों पर सूरजमुखी के बीज उपलब्ध कराने की योजना बनाई है। इस पहल का उद्देश्य समय पर बुआई सुनिश्चित करना और किसानों को उच्च गुणवत्ता वाले बीज मुहैया कराना है। किसान सलाहकार गांव गांव जाकर किसानों को सूरजमुखी की खेती के फायदों के बारे में जागरूक कर रहे हैं।
कृषि विभाग सिर्फ सूरजमुखी ही नहीं, बल्कि ग्रीष्मकालीन मक्का, मूंग और तिल जैसी फसलों को भी बढ़ावा दे रहा है। पिछले कुछ सालों में इन फसलों में किसानों की रुचि बढ़ी है, जिससे कृषि विभाग ने अपना लक्ष्य पहले से ज्यादा बढ़ाने का फैसला किया है।
विशेषज्ञों के अनुसार, सूरजमुखी केवल तीन महीने में पककर तैयार हो जाती है। अप्रैल से जून के बीच जब खेत खाली रहते हैं, उस दौरान सूरजमुखी की खेती किसानों के लिए आय का एक अतिरिक्त स्रोत बन सकती है। सरकार की योजनाओं और किसानों में बढ़ती जागरूकता के चलते सूरजमुखी की खेती से किसानों की आमदनी में बढ़ोतरी और गर्मियों में कृषि भूमि के बेहतर उपयोग की उम्मीद है।
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