सरकारें अब तय कर सकेंगी कि उन्हें अपने किसान रजिस्ट्री में काश्तकार और पट्टेदार किसानों को शामिल करना है या नहीं। कृषि राज्य मंत्री रामनाथ ठाकुर ने लोकसभा में एक लिखित उत्तर में यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि डिजिटल कृषि मिशन के तहत किसान रजिस्ट्री किसानों को विशिष्ट किसान आईडी प्रदान करेगी, जिससे वे सरकारी और योजनाओं और लाभों का सीधा लाभ उठा सकेंगे।
ठाकुर ने अपने लिखित उत्तर में स्पष्ट किया कि राज्य किसान रजिस्ट्री में महिला किसानों सहित सभी भूमिधारक किसानों को शामिल किया गया है। उन्होंने कहां की किसान रजिस्ट्री एप्लिकेशन में काश्तकार और पट्टेदार किसानों को जोड़ने का भी प्रावधान है, लेकिन यह निर्णय राज्यों की नीति पर निर्भर करेगा।
मंत्री ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में इंटरनेट की पहुंच बढ़ी है, लेकिन जिन किसानों के पास मोबाइल फोन नहीं है, उनके लिए अतिरिक्त व्यवस्थाएं की गई हैं। वे किसान, किसान उत्पादक संगठनों, कृषि सखियों और कॉमन सर्विस सेंटर के माध्यम से एग्रीस्टेक पर पंजीकरण कर लाभ प्राप्त कर सकते हैं।
मंत्री ने यह भी बताया कि कोई भी किसान डिजिटल कृषि मिशन के लाभ से वंचित न रहे। इसके लिए राज्य सरकारें विशेष शिविरों का आयोजन कर रही हैं। इसके अलावा केंद्र सरकार ने इस मिशन के लिए 2,817 करोड़ के बजट को मंजूरी दी है, जिससे किसानों को डिजिटल माध्यम से जोड़ने की प्रक्रिया तेज होगी।
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