पंजाब ने इस साल आलू उत्पादन में ऐतिहासिक स्तर पर पहुंचकर 33.1 लाख टन का आंकड़ा पार कर लिया है, जो पिछले साल के 32.5 लाख टन और 2022 के 31.6 लाख टन से ज्यादा है। हालांकि खेती का रकबा मामूली रूप से बढ़कर 296,500 एकड़ हुआ, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि उन्नत बीज किस्मों और आधुनिक खेती तकनीकों के कारण उत्पादन में यह वृद्धि दर्ज की गई। प्रति हेक्टेयर उत्पादकता 27.60 टन के स्थिर स्तर पर बनी हुई है।
राज्य के प्रमुख आलू उत्पादक जिले
पंजाब में पहले मुख्य रूप से दोआबा क्षेत्र तक सीमित आलू की खेती अब पंजाब के अन्य जिलों में भी व्यापक रूप से फैल चुकी है। दोआबा के अतिरिक्त पंजाब में प्रमुख आलू उत्पादक जिलों का विवरण कुछ इस तरह है। जालंधर में 25,980 हैक्टेयर, लुधियाना में 18,010 हैक्टेयर, होशियारपुर में 18,010 हैक्टेयर, कपूरथला में 11,000 हेक्टेयर, बठिंडा में 5,990 हैक्टेयर।
पंजाब के आलू उत्पादन का लगभग 60 से 61 प्रतिशत यानी लगभग 20 लाख टन बीज आलू के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, बिहार, गुजरात और महाराष्ट्र के किसान पंजाब में उगाए गए बीज आलू पर ही निर्भर हैं। कुफरी ज्योति और पुखराज जैसी पंजाब की प्रसिद्ध आलू किस्में देशभर में लोकप्रिय हैं।
विशेषज्ञों का मानना है कि अगर भंडारण और विपणन सुविधाओं में सुधार जारी रहा, तो पंजाब आने वाले सालों में आलू उत्पादन देश के अग्रिणी राज्य और ऊंचाइयों तक पहुंच सकता है। साथ ही, निर्यात बाजारों का विस्तार राज्य के किसानों के लिए नए अवसर खोल सकता है।
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