पंजाब के कृषि मंत्री गुरमीत सिंह खुदिया ने बताया कि राज्य सरकार ने 2024 सीजन में सीधी बुआई चावल तकनीक अपनाने वाले 20,229 किसानों को 27.79 करोड़ रुपए की प्रोत्साहन राशि वितरित की है। इस तकनीक को अपनाने से न केवल जल संरक्षण में मदद मिली है, बल्कि किसानों को लागत में भी राहत मिली है। मंत्री ने जानकारी दी कि इस साल 2.53 लाख एकड़ में धान की सीधी बुआई की गई, जो पिछले खरीफ सीजन 2023 के 1.72 लाख एकड़ की तुलना में 47 प्रतिशत अधिक है।
मार्च 2025 के पहले सप्ताह में पहले चरण के तहत 9,500 किसानों को 4.34 करोड़ रुपए वितरित किए गए थे। अब शेष किसानों को उनकी प्रोत्साहन राशि बैंक खातों में भेज दी गई है। मंत्री ने कहां कि मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व में राज्य सरकार टिकाऊ कृषि को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। सरकार धान की सीधी बुआई करने वाले किसानों को 1,500 रुपए प्रति एकड़ की प्रोत्साहन राशि प्रदान कर रही है।
यह तकनीक पारंपरिक धान रोपाई की तुलना में कम पानी की खपत करती है और भूजल स्तर की गिरावट को रोकने में सहायक है। विशेषज्ञों के अनुसार डीएसआर तकनीक अपनाने से जल संकट को कम किया जा सकता है और कृषि में स्थिरता लाई जा सकती है। इस तकनीक में धान की सीधी बुआई की जाती है, जिससे रोपाई की आवश्यकता समाप्त हो जाती है और पानी की काफी बचत होती है।
सरकार ने किसानों को इस विधि को अपनाने के लिए जागरूक करने और आवश्यक संसाधन प्रदान करने का वादा किया है। राज्य सरकार का लक्ष्य डीएसआर तकनीक को और अधिक किसानों तक पहुंचाना और आने वाले सालों में धान उत्पादन के लिए इसे मुख्यधारा की विधि बनाना है। इससे पंजाब में जल संसाधनों का संरक्षण होगा और किसानों को कम लागत में बेहतर उत्पादन का लाभ मिलेगा।
यह भी पढ़े: सरकार ने बढ़ाई बोलगार्ड-।। कपास बीज की कीमतें!