पंजाब ने प्राकृतिक जल स्रोतों, निजी और पंचायती तालाबों के माध्यम से हर साल 1.81 लाख टन से ज्यादा मछली उत्पादन का नया स्तर छू लिया है। राज्य में इस समय 43,900 एकड़ से अधिक क्षेत्र मछली पालन के लिए समर्पित है, जिससे मत्स्य क्षेत्र में निरंतर प्रगति हो रही है। राज्य में नीली क्रांति को आगे बढ़ाने के लिए केंद्र प्रायोजित प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत पिछले चार सालों में 618 परिवारों को 30 करोड़ रुपए से अधिक की सब्सिडी दी गई है।
इस पहल का उद्देश्य मत्स्य पालन को एक लाभदायक व्यवसाय बनाना और किसानों को अतिरिक्त आय स्रोत उपलब्ध कराना है। एक मत्स्य पालन सेमिनार में राज्य के पशुपालन, डेयरी विकास और मत्स्य पालन मंत्री गुरमीत सिंह खुड़िया ने बताया कि पंजाब के 16 सरकारी मछली बीज फार्मों में सालाना 14 करोड़ उच्च गुणवत्ता वाले मछली बीज का उत्पादन किया जाता है।
ये बीज किसानों को रियायती दरों पर वितरित किए जाते हैं, जिससे उन्हें कम लागत में बेहतर उत्पादन करने का अवसर मिलता है। मंत्री ने यह भी बताया कि पंजाब ने झींगा पालन में उल्लेखनीय प्रगति की है। राज्य उन हजारों एकड़ भूमि का उपयोग कर रहा है, जो जल जमाव और लवणता के कारण कृषि के लिए अनुपयुक्त थी। झींगा पालन ने कई किसानों को नए आर्थिक अवसर प्रदान किए हैं और इस क्षेत्र में निवेश को आकर्षित किया है। इससे न केवल भूमि का बेहतर उपयोग हो रहा है, बल्कि किसानों को अतिरिक्त आय का एक नया स्रोत भी मिल रहा है।
यह भी पढ़े: मूंगफली की कीमतों में आई गिरावट, समर्थन मूल्य से काफी नीचे पहुंचे भाव!