केंद्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह ने राष्ट्रीय सहकारी निर्यात मिलीटेड को 2 लाख करोड़ रुपए के महत्वाकांक्षी निर्यात लक्ष्य की दिशा में सक्रिय कार्य योजना तैयार करने का निर्देश दिया है। उन्होंने एनसीईएल से ऐसे तीन विशिष्ट उत्पादों की पहचान करने को कहां है, जिसका फिलहाल भारत से कोई निर्यात नहीं होता है।
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में आयोजित उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक में शाह ने एनसीईएल को सहकारी मिलों से चीनी, त्रिपुरा से सुगंधित चावल, जैविक कपास और मोटे अनाज जैसे उत्पादों के लिए नए निर्यात बाजार खोजने का सुझाव दिया। खासतौर पर खाड़ी देशों को ताजा सब्जियों और खास किस्म के आलू निर्यात करने के लिए निजी क्षेत्र की बड़ी कंपनियों से भागीदारी की जरूरत पर बल दिया गया।
मंत्री ने अफ्रीका और म्यांमार में एनसीईएल के कार्यकाल स्थापित करने का प्रस्ताव रखा, ताकि दालों के आयात को सुसंगठित किया जा सके। इसके साथ ही सहकारी सदस्यों के लिए एक समर्पित वेबसाइट विकसित करने की भी सिफारिश की गई।
अमित शाह ने स्पष्ट किया कि सहकारी क्षेत्र से जुड़े सभी निर्यात अब एनसीईएल के माध्यम से किए जाएं, जिससे 20 हजार से 30 हजार करोड़ रुपए तक का कारोबार संभव होगा और कर व परिचालन खर्चों के बाद शुद्ध लाभ सीधे सहकारी समितियों को मिलेगा। शाह ने भारत ऑर्गेनिक्स ब्रांड के तहत जैविक उत्पादों के प्रचार प्रसार पर जोर दिया। नेशनल को कोऑपरेटिव ऑर्गेनिक्स लिमिटेड को साल 2025-26 तक 300 करोड़ रुपए का कारोबार का लक्ष्य दिया गया है।
जल्द ही इसके उत्पाद रिलायंस स्टार्स में भी उपलब्ध होंगे। कृषि उत्पाद को बढ़ावा देने के लिए शाह ने ऊतक संवर्धन यानी टिशू कल्चर द्वारा उच्च गुणवत्ता वाले केला पौधों की आपूर्ति और लचका चारा बीज विकसित करने की आवश्यकता पर जो दिया। साथ ही फ्रेंच फ्राइज जैसी प्रोसेसिंग किस्मों के लिए आलू बीज उत्पादन बढ़ाने को प्राथमिकता देने की बात कही।
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