हरियाणा के पशुपालन एवं डेयरी मंत्री जेपी दलाल ने कहां है कि दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए मुर्राह भैंस के साथ-साथ गाय के भी अच्छी नस्ल के बछड़े-बछडियां पैदा करने के लक्ष्य को मिशन मोड के रूप में लेकर चलना होगा। आरंभ में 1000 का लक्ष्य लेकर चलें।
मंत्री जेपी दलाल ने कहां कि लक्ष्य को हासिल करने के लिए लाला लाजपत राय पशु चिकित्सा एवं विज्ञान विश्वविद्यालय, हिसार, राजकीय पशुधन फार्म तथा पशुपालन विभाग के अधिकारी मिलकर एक टीम तैयार करें और एक नोडल अधिकारी नियुक्त किया जाए। जेपी दलाल विभाग के अधिकारियों की बुलाई गई समीक्षा बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे।
बैठक में मंत्री को अवगत कराया गया कि हिसार जिले में लगभग 55 गौशालाएं है। राजकीय पशुधन फार्म के विशेषज्ञों की 21 टीमें गठित की गई है, जो इन गौशालाओं का दौरा कर स्वस्थ गायों की पहचान कर रही है। इन गायों को बाद में फार्म में लाया जाएगा और कृत्रिम गर्भाधान के माध्यम से नस्ल सुधार पर कार्य किया जाएगा।
जेपी दलाल ने आगे अधिकारियों को निर्देश दिए कि मिशन मोड आरंभ में पायलट परियोजना के आधार पर हिसार जिले में कार्य करें। उसके बाद गौ सेवा आयोग के सहयोग से प्रदेश की सभी गौशालाओं का निरीक्षण करें और स्वस्थ गायों को चिन्हित करें।
जेपी दलाल ने आगे कहां कि गौशाला आयोग ऐसी गायों के लिए अलग से शेड की व्यवस्था करेगा। आवश्यकतानुसार विभाग वीएलडी, पशु चिकित्सक विशेषज्ञ प्रति नियुक्ति पर राजकीय पशुधन फार्म भेजेगा। इस कार्य को हमें एक नई परियोजना के रूप में लेना होगा।
बैठक में इस बात की भी जानकारी दी गई कि वर्ष 2019 की पशु जनगणना के अनुसार प्रदेश में पशुओं की संख्या लगभग 62 लाख से ज्यादा थी। जिनमें 43 लाख भैंस व 19 लाख गाय थी। मुर्राह भैंस का दूध उत्पादन 10.91 लीटर प्रतिदिन है जबकि साहिवाल गाय का दूध 8 लीटर तथा हरियाणा नस्ल का 4 से 6 लीटर हैं।
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