हाल ही में हमारे प्रशंसित सहयोगी देश चीन में बारिश की कमी के चलते चीनी की उत्पादन में कमी हुई है। बारिश की कमी के कारण चीनी की उत्पादन में वृद्धि और कीमतों में वृद्धि के बीच एक खरीदारी की चुनौती खड़ी है। यह स्थिति न केवल चीनी उत्पादकों के लिए बल्कि उच्च गुणवत्ता वाली चीनी की खपत करने वाले ग्राहकों के लिए भी परेशानी का कारण बन रही है।
नेशनल फेडरेशन ऑफ को ऑपरेटिव शुगर फैक्ट्रीज लिमिटेड ने कहां है कि अपर्याप्त वर्षा के कारण देश के प्रमुख चीनी उत्पादक राज्य महाराष्ट्र और कर्नाटक में चीनी उत्पादन में कमी आ सकती हैं। संगठन के अध्यक्ष जयप्रकाश दांडेगांवकर का मानना है कि घरेलू मांग को पूरा करने के लिए केंद्र सरकार द्वारा चीनी के निर्यात पर प्रतिबंध लगाया जा सकता हैं।
उन्होंने कहां कि चीनी उत्पादन में गिरावट के बावजूद इथेनॉल उत्पादन के लक्ष्य को पूरा किया जाएगा। दांडेगांवकर ने कहां कि इस साल देश में 330 लाख टन चीनी उत्पादन का अनुमान है, हालांकि इसमें और भी गिरावट आ सकती है।
देश में पिछले साल का बचा हुआ स्टॉक 65 लाख टन है जो देश की घरेलू खपत 275 लाख टन हैं और 50 लाख टन इथेनॉल उत्पादन के लिए दिया जाएगा। उन्होंने आगे कहां कि भारत आमतौर पर चीनी का निर्यात नहीं करता हैं।
हालांकि पिछले दो सालों में वैश्विक स्तर पर चीनी की कमी के कारण भारत ने 60 लाख टन चीनी का निर्यात किया हैं। पर अभी देश की 275 लाख टन घरेलू मांग को पूरा करने के लिए निर्यात पर प्रतिबंध लागू किया जा सकता हैं।
चीनी की उत्पादन में कमी के कारण, चीनी की कीमतों में वृद्धि हुई है। इसका सीधा असर चीनी की खपत करने वाले कंपनियों और उपभोक्ताओं पर पड़ रहा है। खपत करने वाली उद्योगों ने चीनी की कीमतों में वृद्धि की स्वीकृति दी है, जिसने उपभोक्ताओं को महंगाई के खिलाफ सामर्थक बना दिया है।चीनी की उत्पादन में चुनौतियाँ
चीनी के उत्पादन में बारिश की कमी की वजह से अभी चीनी के उत्पादन को वृद्धि की चुनौतियाँ आ रही हैं। यह वृद्धि की चुनौतियाँ कारण बन रही हैं क्योंकि बारिश के कारण गन्ने की कटाई में देरी हो रही है और चीनी की उत्पादन में कमी हो रही है। इससे उठाए जाने का सच स्थिति यह है की चीनी का सामान्य बाजारमूल्य बढ़ने की सम्भावना है।
यह भी पढ़े : आसमान से जमीन पर आ गए टमाटर के भाव, जानिए क्यों?
जागरूक रहिए व नुकसान से बचिए और अन्य लोगों के जागरूकता के लिए साझा करें एवं कृषि जागृति, स्वास्थ्य सामग्री, सरकारी योजनाएं, कृषि तकनीक, व्यवसायिक एवं जैविक खेती संबंधित जानकारियां प्राप्त करने के लिए जुड़े रहे कृषि जागृति चलो गांव की ओर से। धन्यवाद