आरएस पुरा, जम्मू कश्मीर में धान की फसल प्रभावित होने से क्षेत्र के किसानों में हाइब्रिड बीज उपलब्ध कराने वाली कंपनी के प्रति आक्रोश बढ़ गया है। किसानों ने कहा कि अगर कंपनी ने शीघ्र बर्बाद फसल का मुआवजा नहीं दिया तो वे आंदोलन करेंगे। गांव के सरपंच ने बताया कि किसानों ने कंपनी द्वारा उपलब्ध कराये गये हाईब्रिड बीज से धान की बुआई की थी।
कंपनी ने दावा किया था कि हाइब्रिड बीजों से उत्पादन बढ़ेगा। अब फसल पूरी तरह से उग गई है, लेकिन उत्पाद में अनाज की कमी है, जिसके कारण किसानों को भारी नुकसान हो रहा है। किसानों ने कहा कि उनका काफी पैसा खर्च हो चुका है और फसल की बर्बादी के लिए कंपनी जिम्मेदार है कंपनी को तुरंत नुकसान की भरपाई करनी चाहिए, अन्यथा किसान कानूनी कार्रवाई करने के लिए मजबूर होंगे।
सरपंच और किसानों ने उपराज्यपाल से बीज का परीक्षण करने और किसानों को उनके नुकसान की भरपाई करने की अपील की है। किसानों का कहना है कि उन्होंने कंपनी से धान का बीज लिया था, जिसका दावा था कि यह हाइब्रिड बीज है और इससे अधिक पैदावार मिलेगी। उन्होंने कंपनी की सलाह के अनुसार बीज बोया और खेती की, लेकिन अब धान से खेत भर गए हैं, लेकिन आधी से ज्यादा फसल में दाना नहीं है।
कंपनी के प्रतिनिधियों ने कहा कि वे किसानों की शिकायतों की जांच कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि अगर बीज में कोई खराबी पाई जाती है, तो कंपनी किसानों को उचित मुआवजा देगी। इस मामले में कृषि विभाग भी जांच कर रहा है। विभाग ने कहा कि अगर बीज में कोई खराबी पाई जाती है, तो कंपनी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
हाइब्रिड बीजों के इस्तेमाल से धान की पैदावार में वृद्धि होती है, लेकिन इन बीजों का इस्तेमाल करते समय किसानों को कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए। इन बीजों की बुआई के लिए सही समय और तापमान होना चाहिए। इसके अलावा, इन बीजों के लिए सही मात्रा में खाद और पानी की आवश्यकता होती है। यदि किसान इन बातों का ध्यान रखते हैं, तो उन्हें हाइब्रिड बीजों से भी अच्छी पैदावार मिल सकती है।
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