प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने घोषणा की है कि देश में राष्ट्रीय हल्दी बोर्ड की स्थापना की जायेगी। राष्ट्रीय हल्दी बोर्ड हल्दी किसानों की जरूरतों और उनके लाभ के लिए भविष्य की संभावनाओं को ध्यान में रखते हुए नीतियां बनाएगा। साथ ही आपूर्ति श्रृंखला में मूल्यवर्धन से लेकर बुनियादी ढांचे के कार्यों तक विभिन्न क्षेत्रों में किसानों की मदद करेगा।
प्रधानमंत्री मोदी जी ने कहां कि हमारा देश हल्दी का प्रमुख उत्पादक, उपभोक्ता और निर्यातक है। कोविड महामारी के बाद वैश्विक स्तर पर हल्दी के उपयोगिता के बारे में जागरूकता बढ़ी हैं। इसलिए अब जरूरी है कि हल्दी की हल्दी के उत्पादन से लेकर निर्यात और अनुसंधान तक हल्दी की संपूर्ण मूल्य श्रृंखला पर अधिक पेशेवर तरीके से ध्यान दिया जाएं।
गौरतलब है कि भारत में लगभग 11 लाख टन हल्दी की उत्पादन होता है, जो विश्व उत्पादन का 80 प्रतिशत है। फिलहाल हल्दी का निर्यात लगभग 1.5 टन है। कोविड़ काल के बाद हल्दी के निर्यात में तेजी आई है। हल्दी एक महत्वपूर्ण औषधीय और मसालेदार पौधा है। भारत दुनिया का सबसे बड़ा हल्दी उत्पादक और निर्यातक है। देश में हल्दी की खेती मुख्य रूप से आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक और केरल में होती है।
राष्ट्रीय हल्दी बोर्ड के गठन से हल्दी किसानों को कई लाभ होंगे। बोर्ड किसानों को बेहतर बीज, उर्वरक और कृषि तकनीक उपलब्ध कराएगा। साथ ही, बोर्ड हल्दी के मूल्यवर्धन और विपणन में भी मदद करेगा। राष्ट्रीय हल्दी बोर्ड के गठन से देश में हल्दी उत्पादन और निर्यात में वृद्धि होने की संभावना है। इससे किसानों की आय में भी बढ़ोतरी होगी।
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