2023 तक, किसानों को खाद निर्माण के लिए सबसे ज्यादा सहयोग भारत सरकार द्वारा दिया गया है। 2023-24 के कृषि बजट में, सरकार ने किसानों को खाद की लागत कम करने के लिए कई उपाय किए हैं, जिनमें शामिल हैं:
- यूरिया की कीमत में कोई वृद्धि नहीं होगी।
- पोषक तत्व आधारित सब्सिडी (NBS) योजना के तहत, किसानों को खाद की कीमतों पर रियायतें दी जाएंगी।
- सल्फर कोटेड यूरिया को बाजार में उपलब्ध कराया जाएगा, जो किसानों को अधिक उत्पादकता प्राप्त करने में मदद करेगा।
- किसानों को जैविक खाद के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।
- इन उपायों के परिणामस्वरूप, किसानों को खाद की लागत में 20,000 करोड़ रुपये की बचत होने का अनुमान है।
विशेष रूप से, 2023 में, सरकार ने किसानों को खाद निर्माण के लिए कई नए कार्यक्रम शुरू किए हैं, जिनमें शामिल हैं:
पोषक तत्व आधारित सब्सिडी (NBS) योजना: इस योजना के तहत, किसानों को खाद की कीमतों पर रियायतें दी जाएंगी। यह योजना 2023-24 में शुरू हुई और वर्तमान में यह देश के सभी राज्यों में लागू है।
सल्फर कोटेड यूरिया: यह यूरिया एक विशेष कोटिंग के साथ आता है जो इसमें सल्फर को जोड़ता है। सल्फर एक महत्वपूर्ण पोषक तत्व है जो फसलों की उत्पादकता को बढ़ाने में मदद करता है। सल्फर कोटेड यूरिया 2023 में भारतीय बाजार में उपलब्ध हुआ।
जैविक खाद के लिए प्रोत्साहन: सरकार किसानों को जैविक खाद के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहन दे रही है। इसके लिए, सरकार किसानों को जैविक खाद खरीदने पर सब्सिडी दे रही है। इन नए कार्यक्रमों के परिणामस्वरूप, किसानों को खाद निर्माण के लिए अधिक सहयोग मिल रहा है, जिससे वे अधिक उत्पादकता प्राप्त करने और अपनी आय बढ़ाने में सक्षम हैं।
यह भी पढ़े: किसानों को मिलेगा गुलाबी सुंडी से हुए कपास फसलों के नुकसान का मुआवजा।
जागरूक रहिए व नुकसान से बचिए और अन्य लोगों के जागरूकता के लिए साझा करें एवं कृषि जागृति, स्वास्थ्य सामग्री, सरकारी योजनाएं, कृषि तकनीक, व्यवसायिक एवं जैविक खेती संबंधित जानकारियां प्राप्त करने के लिए जुड़े रहे कृषि जागृति चलो गांव की ओर से। धन्यवाद