केंद्र सरकार ने 7 देशों को 10.34 लाख टन गैर-बासमती चावल के निर्यात की मंजूरी दी है। विदेश व्यापार महानिदेशालय ने इसकी जानकारी देते हुए कहा कि यह निर्यात राष्ट्रीय सहकारी निर्यात लिमिटेड के जरिए किया जा सकता है। हालांकि, भारत ने घरेलू आपूर्ति बढ़ाने के लिए 20 जुलाई से गैर-बासमती चावल के निर्यात पर प्रतिबंध लगाया हुआ है, लेकिन कुछ देशों की खाद्य सुरक्षा जरूरत के मद्देनजर सरकार उनके लिए गैर-बासमती चावल के निर्यात की अनुमति देती है।
इन 7 देशों को किया जाएगा गैर बासमती चावल का निर्यात
केन्द्र सरकार ने नेपाल, कैमरून, कोटे डी आइवर, गिनी, मलेशिया, फिलिपीन और सेशल्स को गैर-बासमती चावल के निर्यात की अनुमति दी है। अधिसूचना के अनुसार, नेपाल को 95,000 टन, कैमरून को 1,90,000 टन, कोटे डी आइवर को 1,42,000 टन, गिनी को 1,42,000 टन, मलेशिया को 1,70,000 टन, फिलिपीन को 2,95,000 टन और सेशेल्स को 800 टन गैर-बासमती चावल का निर्यात किया जाएगा।
आपको बता दें कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा चावल निर्यातक देश है। पिछले महीने घरेलू स्तर पर चावल की बढ़ती कीमतों पर नियंत्रण और खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए गैर-बासमती यानी सफेद चावल के निर्यात पर प्रतिबंध लगाया गया था। फिलहाल चावल के निर्यात पर प्रतिबंध के साथ उबले चावल के निर्यात पर 20 फीसदी शुल्क भी लागू है।
इस निर्यात से भारत को विदेशी मुद्रा की आय में वृद्धि होने की उम्मीद है। यह भारत के कृषि निर्यात को बढ़ावा देने में भी मदद करेगा। यह निर्णय भारत सरकार की खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के प्रयासों का एक हिस्सा है। भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा चावल उत्पादक देश है और इसकी खाद्य सुरक्षा को बनाए रखने के लिए पर्याप्त चावल का भंडार है।
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