केंद्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह ने कहां कि आने वाले दिनों में भारत में बीज संरक्षण, संवर्धन और अनुसंधान के क्षेत्र में भारतीय बीज सहकारी समिति का बहुत अहम योगदान होगा। देश के हर किसान को आज वैज्ञानिक रूप से तैयार किया गया बीज उपलब्ध नहीं हैं। इसलिए ये हमारी जिम्मेदारी है कि इस विशाल देश के हर किसान के पास प्रमाणित और वैज्ञानिक रूप से तैयार किया गया बीज पहुंचे और ये काम भी यही सहकारी समिति करेगी। शाह ने कहां कि भारत दुनिया के कुछ चुनिंदा देशों में से एक है।
जहां कृषि की अधिकृत शुरुआत हुई और इसी कारण हमारे परंपरागत बीज गुण और शारीरिक पोषण के लिए सबसे अधिक उपयुक्त हैं। उन्होंने कहां कि विश्व में बीजों के निर्यात का बहुत बड़ा मार्केट है और इसमें भारत का हिस्सा एक प्रतिशत से भी कम है। भारत जैसे विशाल और कृषि प्रधान देश को वैश्विक बीज मार्केट में एक बड़ा हिस्सा हासिल करने का एक समयबद्ध लक्ष्य रखना चाहिए।
उन्होंने कहां कि ये समिति कृषि, बागवानी, डेयरी, मत्स्यपालन सहित हर तरह की समितियों की तरह पैक्स को बीज उत्पादन के साथ जोड़ने का काम करेगी। पैक्स के माध्यम से हर किसान अपने खेत में बीज उत्पादन कर सकेगा। इसका सर्तिफिकेशन भी होगा और ब्रांडिंग के बाद ना सिर्फ पूरे देश बल्की विश्व में इस बीज को पहुंचाने में ये समिति योगदान देगी।
उन्होंने कहां कि इस बीज सहकारी समिति का पूरा मुनाफा सीधे बीज उत्पादन करने वाले किसानों के बैंक खातों में जायेगा और यही सहकारिता का मूल मंत्र हैं। इस सहकारी समिति के माध्यम से बीजों की उच्च आनुवांशिक शुद्धता और भौतिक शुद्धता से बिना कोई समझौता किए इन्हें बरकरार रखा जायेगा और उपभोक्ता के स्वास्थ्य की भी चिंता की जायेगी। इन तीनों बातों का संयोजना करते हुए उत्पादन बढ़ाना ही हमारा लक्ष्य है।
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