केंद्र सरकार द्वारा बताया गया है कि धान की कटाई के वर्तमान सीजन में पिछले 45 दिनों की अवधि के दौरान पराली जलाने की घटनाओं में भारी कमी आई हैं। पिछले 45 दिनों के दौरान पराली जलाने की घटनाएं घटकर 6,391 रह गई है, जबकि 2022 की इसी अवधि के दौरान देश भर में पराली जलाने की 13,964 घटनाएं दर्ज की गई थी। केंद्र सरकार ने बताया कि सरकार द्वारा धान की पराली के प्रबंधन के लिए फसल अवशेष प्रबंधन योजना के तहत 3,333 करोड़ रुपए की धनराशि जारी की गई है।
साथ ही केंद्र द्वारा पंजाब और हरियाणा की राज्य सरकारों को पराली जलाने की घटनाओं पर नियंत्रण के लिए सभी निवारक और सुधारात्मक उपाय करने हेतु संपूर्ण राज्य प्रशासनिक तंत्र को सक्रिय करने की सलाह दी गई हैं। केंद्र सरकार ने कहां कि पिछले वर्षो की तुलना में अब तक धान की पराली जलाने की घटनाओं में काफी कमी आई है। हालांकि, पिछले कुछ दिनों के दौरान पंजाब में पराली जलाने के मामलों में अचानक वृद्धि हुई है और अगले कुछ हफ्तों में कटाई चरम पर होने की उम्मीद है।
अकेले 29 अक्टूबर को पंजाब में पराली जलाने की 1,068 घटनाएं सामने आई। इस कमी के लिए किसानों को धन्यवाद देना चाहिए। किसानों ने सरकार के प्रयासों और जागरूकता अभियानों का सकारात्मक रुख अपनाया है। उन्होंने पराली जलाने के बजाय उसे मिट्टी में मिलाने, खाद बनाने या बिजली बनाने के लिए उपयोग करना शुरू कर दिया है।
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