सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब, दिल्ली, उत्तर प्रदेश और राजस्थान सरकारों को पराली जलाने पर तुरंत रोक लगाने को निर्देश दिया है। कोर्ट ने पराली जलाने की घटनाओं पर सख्ती बरतते हुए कहां है कि हम नहीं जानते कि आप कैसे करेंगे, पर इसे तत्काल रोकिए। कोर्ट ने कहां कि प्रदूषण पर राजनीतिक लड़ाई नहीं होनी चाहिए। पराली जलाना प्रदूषण की मुख्य वजह है, दूसरा वाहनों की वजह से होने वाला प्रदूषण है। पराली जलाने की घटना के लिए स्थानीय एसएचओ जिम्मेदार होंगे।
कोर्ट ने केंद्र सरकार को भी कहां है कि आपको कोई ऐसा उपाय करना चाहिए कि किसान दूसरी फसलों की खेती की तरफ रुख करें। सुनवाई के दौरान पंजाब सरकार ने कोर्ट में कहां कि पराली की समस्या का समाधान न्यूनतम समर्थन मूल्य भी हो सकता है। अगर अन्य फसलों के लिए भी न्यूनतम समर्थन मूल्य की व्यवस्था की जाए, तो किसान दूसरी फसलों की तरफ रुख करेंगे। पंजाब सरकार ने कहां कि छोटे और मंझोले किसानों को इसके लिए हम गिरफ्तार नहीं कर सकते।
हम पराली प्रबंधन की मशीनों पर 50 फीसदी छूट दे रहे हैं। तब कोर्ट ने कहां कि आप कुछ भी कीजिए, पर पराली जलाने की घटनाओं को हर हाल में रोकिए। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पराली जलाने से प्रदूषण के अलावा पर्यावरण को भी नुकसान होता है। इससे मिट्टी की उर्वरता कम होती है और वायु प्रदूषण बढ़ता है। सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश का स्वागत किया गया है।
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