मंदसौर, मध्य प्रदेश के जिलाधिकारी ने उर्वरक वितरण केन्द्र की निगरानी की। इस दौरान उन्होंने निर्देश दिया कि जिन किसान का फिंगर प्रिंट पीओएस मशीन पर नहीं मिल रहे हैं, उन्हें भेजे गए ओटीपी के माध्यम से ही उर्वरक दिया जाए। उर्वरक वितरण के समय किसानों को किसी भी प्रकार की समस्या से बचाया जाय। वितरण केंद्र पर किसानों की लंबी कतार को ध्यान में रखते हुए सभी किसानों का नाम रजिस्टर में दर्ज कर उन्हें टोकन नंबर दें।
जब किसान का टोकन नंबर आ जाए तो किसान को उसके मोबाइल से कॉल करके वितरण केंद्र पर बुलाएं और उसे खाद दें। जिससे किसानों का समय बचेगा और उन्हें कोई परेशानी नहीं होगी। उन्होंने आगे कहा कि एक कंप्यूटर और पीओएस मशीन को बढ़ावा देना चाहिए। सर्वर डाउन के अलावा किसानों को कोई दिक्कत नहीं होनी चाहिए। जिन किसानों के पास चार रसीदें हैं उन्हें उसी दिन खाद दिया जाए। किसान को बार-बार वितरण केंद्र पर जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
एक किसान, श्री राम, खाद वितरण केंद्र पर जाता है। वह खाद वितरणकर्ता से बात करता है और उसे अपना आधार कार्ड दिखाता है। खाद वितरणकर्ता आधार कार्ड की जानकारी खाद वितरण प्रणाली में दर्ज करता है। खाद वितरणकर्ता श्री राम के मोबाइल नंबर पर 123456 ओटीपी भेजता है। श्री राम ओटीपी प्राप्त करता है और उसे खाद वितरणकर्ता को बताता है। खाद वितरणकर्ता ओटीपी की जांच करने के बाद, वह श्री राम को खाद प्रदान करता है।
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