केंद्र सरकार देश के छोटे और सीमांत किसानों को उनकी उपज की भंडारण की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए एक नई योजना लाने की तैयारी में हैं। बिजनेस लाईन की एक रिपोर्ट के मुताबिक इस योजना का नाम प्रधानमंत्री किसान भाई या भंडारण प्रोत्साहन योजना हो सकता हैं। बिजनेस लाईन की रिपोर्ट के अनुसार इस योजना के शुरू होते ही किसान कटाई के बाद कम से कम तीन महीने तक अपनी फसल भंडारण कर सकेंगे। किसानों को जब भी बाजार में अपनी फसल का अच्छा दाम मिलेगा, तब वे अपनी फसल बेच सकेंगे।
यह योजना भांडरान प्रोत्साहन योजना किसानों को अपनी मर्जी से अपनी फसल बेचने का अधिकार देगी। एक अधिकारी ने बिजनेस लाईन को बताया कि इस योजना को पहले चरण के तहत मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, असम, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और तमिलनाडु में पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर लागू किया जा सकता है। इसके लिए सरकार करीब 170 करोड़ रुपए खर्च कर सकती हैं । वर्तमान में, भारत में किसानों के पास अपनी उपज का भंडारण करने के लिए पर्याप्त सुविधाएं उपलब्ध नहीं हैं।
इससे किसानों को अपनी उपज को खराब होने का डर रहता है। साथ ही, बाजार में उपज की आवक अधिक होने पर किसानों को कम दाम पर अपनी उपज बेचने के लिए मजबूर होना पड़ता है।सरकार की यह योजना किसानों की इन समस्याओं को दूर करने में मददगार होगी। इस योजना के तहत किसानों को गोदामों में अपनी उपज का भंडारण करने के लिए सब्सिडी दी जाएगी। इससे किसानों को गोदामों में अपनी उपज का भंडारण करने में आसानी होगी और उन्हें अधिक मुनाफा होगा।
यह भी पढ़े: पराली जलाने की घटनाओं पर तुरंत रोक लगाए सरकार
जागरूक रहिए व नुकसान से बचिए और अन्य लोगों के जागरूकता के लिए साझा करें एवं कृषि जागृति, स्वास्थ्य सामग्री, सरकारी योजनाएं, कृषि तकनीक, व्यवसायिक एवं जैविक खेती संबंधित जानकारियां प्राप्त करने के लिए कृषि जागृति चलो गांव की ओर के WhatsApp Group से जुड़े रहे या कृषि संबंधित किसी भी समस्या के जैविक समाधान के लिए हमे WhatsApp करें। धन्यवाद