वित्तीय वर्ष 2023-24 की पहली छमाही के दौरान भारत के बासमती चावल के निर्यात में पर्याप्त वृद्धि देखी गई हैं। बसमती चावल निर्यात पिछले साल की इसी अवधि की तुलना में 14 प्रतिशत बढ़कर 2.59 अरब डॉलर पर पहुंच गया। मात्रा के हिसाब से देखा जाए तो निर्यात 6.58 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 23 लाख टन को पार कर गया। घरेलू आपूर्ति को स्थिर करने और बढ़ती कीमतों को नियंत्रण करने के उद्देश्य से सरकार द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों के कारण गैर-बसमती चावल के निर्यात में गिरावट आई हैं।
गैर-बसमती चावल का निर्यात 15.4 प्रतिशत की गिरावट के साथ 2.27 अरब डॉलर दर्ज किया गया। मात्रा के हिसाब से देखा जाए तो देश ने 68.8 लाख टन गैर-बासमती चावल का निर्यात किया, जो पिछले साल की इसी अवधि में 89 लाख टन पर था। बसमती चावल के साथ मूंगफली, ताजे फल और सब्जियों, अनाज से बने व्यंजन और मादक पेय के निर्यात में भी वृद्धि देखने को मिली है। हालांकि, भारत के कुल निर्यात में कमी आई हैं। बासमती चावल भारत के सबसे महत्वपूर्ण निर्यात उत्पादों में से एक है।
यह भारत की अर्थव्यवस्था में एक महत्वपूर्ण योगदान देता है। बासमती चावल निर्यात में बढ़ोतरी से भारत को विदेशी मुद्रा की आमद में वृद्धि होने की उम्मीद है। इससे भारत की आर्थिक विकास दर को भी बढ़ावा मिलेगा। बासमती चावल निर्यात में वृद्धि से भारत की अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा। यह भारतीय किसानों के लिए भी एक वरदान होगा।
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