किसानों का रुझान अब बेबी कॉर्न यानी मक्के की एक नई प्रजाति की खेती की तरफ बढ़ा है। क्योंकि बेबी कॉर्न की फसल बहुत कम समय में तैयार हो जाती है साथ ही इसकी मांग भी बाजार में ज्यादा है। अगर आप बेबी कॉर्न की जैविक खेती करते हैं तो भी तगड़ा मुनाफा कमा सकते हैं। इसकी खास बात तो ये है कि इस खेती से आप साल में 3 बार कमाई कर सकते हैं। तो आइए जानते हैं कैसे बेबी कॉर्न की जैविक खेती कर 3 से 4 गुना मुनाफा कमा सकते है।
कब और कैसे करें बेबी कॉर्न की जैविक खेती
बेबी कॉर्न की जैविक खेती साल भर की जा सकती है। इसकी खेती के लिए पहले खेत तो 2 से 3 बार अच्छे से जोत लें फिर उसके बाद इसमें 100 से 150 किलोग्राम 12 माह पुरानी सड़ी हुई गोबर की खाद या वर्मी कंपोस्ट के साथ 10 किलोग्राम जी-सी पावर, जी प्रोम एडवांस को मिलाकर प्रति एकड़ खेत में छिड़काव करें।
बीज उपचार करने के लिए 10 मिली जी बायो फॉस्फेट एडवांस से प्रति किलोग्राम बीज को उपचारित कर 30 मिनट तक किसी छायादार स्थान पर सुखाएं फिर बुवाई करें। ध्यान रहे कि खेत में नमी होनी जरूरी है, अगर खेत सूखा है तो पहले खेत में पानी लगा लें उसके बाद जुताई कर मिट्टी को उपचारित करें। प्रति एकड़ खेत के लिए आपको लगभग 7 किलो बीज चाहिए होगा।
बेबी कॉर्न की किस्में: बेबी कॉर्न की खेती के लिए कम समय में पकने वाली मध्यम ऊंचाई की सिंगल क्रॉस हाइब्रिड किस्में सबसे अधिक बेहतर होती है। जो इसमें बी.एल.-42, प्रकाश, एच.एम.-4 और आजाद कमल शामिल हैं।
खेती में सिंचाई: बेबी कॉर्न की फसल जल जमाव और ठहराव को सहन नहीं करती, इसलिए खेत में अच्छी आतंरिक जल निकासी होनी चाहिए। आमतौर पर पौध और फल आने की अवस्था में, बेहतर उपज के लिए सिंचाई करनी चाहिए। अत्यधिक पानी, फसल को नुकसान पहुंचाता है। बारिश के मौसम में सिंचाई की जरूरत ही नहीं, जब तक कि लंबे समय तक सूखा न रहें।
कीट और रोग प्रबंधन: बेबी कॉर्न की फसल में शूट फ्रलाई, पिंक बोरर और तनाछेदक कीट ज्यादा लगते हैं। रोकथाम के लिए कार्बेरिल 300 ग्राम प्रति एकड़ खेत की दर से 150 लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करने से कीटों पर नियंत्रण कर सकते हैं।
कितने दिन में होगी फसल तैयार: बेबी कॉर्न की फसल बुआई के बाद 60 से 80 दिनों में तैयार हो जाती है। इसकी तुड़ाई पर बहुत अधिक ध्यान रखना होता है। इसे 1 से 3 सेमीं. सिल्क आने पर तोड़ लेना चाहिए।
पशुओं के लिए चारा: बेबी कॉर्न का उत्पादन किसानों के लिए बेहद ही फायदेमंद होता है। मक्के की फसल से बेबी कॉर्न तोड़ लेने के बाद पशुओं के लिए चारे की व्यवस्था भी आसानी से की जा सकती है। किसान 40 से 70 क्विंंटल हरे चारे की का उत्पादन कर सकते हैं।
कितनी होगी कमाई: बेबी कॉर्न की फसल से एक एकड़ खेत में 15,000 से 20,000 रुपये तक की नेट इनकम हो सकती है और वर्ष में 3 से 4 फसले उगाई जा सकती है।
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