अक्टूबर महीने में घटी खुदरा उपभोक्ता मूल्य सूचकांक पर आधारित खुदरा महंगाई की दर घटकर 4.87 प्रतिशत पर आ गई है। महंगाई का यह पिछले 4 महीने का निचला स्तर पर हैं। सितंबर के महीने में यह दर 5.02 प्रतिशत पर थी। अक्टूबर में खुदरा महंगाई में नरमी का प्रमुख कारण है खाने-पीने का समान सस्ता होना। अक्टूबर में अनाज की महंगाई दर घटकर 10.65 प्रतिशत पर आ गई है, जो सितंबर में 10.95 प्रतिशत थी। इसी प्रकार मांस और मछली की महंगाई दर पिछले महीने के 4.1 प्रतिशत से घटकर 3.27 प्रतिशत पर आ गई।
सब्जियों की महंगाई भी घटकर 2.7 प्रतिशत हो गई हैं। गौरतलब है कि भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति ने अपनी अक्टूबर महीने की बैठक में चालू वित्त वर्ष 2023-24 में खुदरा महंगाई 5.4 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है। यह 2022-23 के 6.7 प्रतिशत के मुकाबले कम हैं। महंगाई में कमी आने के पीछे कई कारण हैं। इनमें से एक कारण यह है कि पिछले कुछ महीनों में कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट आई है। इससे पेट्रोल और डीजल की कीमतें कम हुई हैं, जिससे परिवहन लागत में कमी आई है।
इसके अलावा, पिछले कुछ महीनों में खाद्य पदार्थों की कीमतों में भी नरमी आई है। हालांकि, सरकार को अभी भी महंगाई पर नियंत्रण करने के लिए लगातार प्रयास करने की जरूरत है। इसके लिए सरकार को खाद्य उत्पादन बढ़ाने, आयात पर निर्भरता कम करने, और महंगाई को नियंत्रित करने के लिए कानूनी प्रावधान करने की जरूरत है।
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