पिछले कुछ वर्षो से खेती में काफ़ी बदलाव देखने को मिल रहा हैं। लोग पारम्परिक खेती छोड़ कर दिन प्रति दिन व्यावसायिक खेती कर अच्छा पैसा कमा रहे है। ऐसे किसानों के लिए रजनीगंधा की जैविक खेती भी एक बेहतर विकल्प साबित हो सकती है। जी हां रजनीगंधा के फूलों की मार्केट में बहुत ज्यादा डिमांड होती है। इसके तेल को इत्र और परफ्यूम बनाने के लिए काफी इस्तेमाल में लाते है। भारत में, रजनीगंधा की खेती पश्चिम बंगाल, कर्नाटक, तमिलनाडु, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में की जाती है।
रजनीगंधा की जैविक खेती के लिए उपयुक्त मिट्टी
रजनीगंधा की जैविक खेती के लिए बलुई दोमट और उचित जल निकासी वाली भूमि में आसानी से कर सकते है। हल्की अम्लीय और क्षारीय भूमि में भी इसकी खेती कर सकते है। इसकी खेती के लिए भूमि का P.H. मान 6.5 से 7.5 तक होना चाहिए।
रजनीगंधा की उन्नत किस्में
रजनीगंधा की उन्नत किस्मों रजत रेखा, श्रीनगर, सुभाषिणी, प्रज्ज्वल, मैक्सिकन सिंगल हैं। यह रजनीगंधा की इकहरी किस्में हैं। इसके अलावा इसकी दोहरी किस्मों में कलकत्ता डवल, स्वर्ण रेखा, पर्ल आती है।
रजनीगंधा की जैविक खेती के जलवायु और तापमान
20 से 35 डिग्री सेंटीग्रेट तापमान रजनीगंधा के विकास और वृद्धि के लिए उपयुक्त होता है। हल्के धूप युक्त खुली जगहों में इसे अच्छी प्रकार से उगाया जा सकता है। छायादार स्थान इसके लिए अच्छा नहीं होता है।
ऐसे करें रजनीगंधा की जैविक खेती
रजनीगंधा की जैविक खेती के लिए आपको सबसे पहले मिट्टी उपचार के लिए प्रति एकड़ खेत में 100 से 150 किलोग्राम गोबर की खाद या वर्मी कंपोस्ट के साथ जी प्रोम एडवांस, की से पावर, जी वैम को मिलाकर छिड़काव करें। रजनीगंधा की खेती उसी तरह की जाती है जैसे आलू की खेती की जाती है। यानी इसकी खेती कंदों से की जाती है। एक एकड़ में लगभग 20 हजार कंदों की जरूरत होती है। साथ ही इसकी रोपाई के लिए आप इसमें 30 से 60 ग्राम और 2 सेंटीमीटर व्यास के कंद डाल दें। ध्यान रहे इन कंदो को जी-बायो फॉस्फेट एडवांस से उपचारित कर के बुवाई करें।
रजनीगंधा की जैविक खेती के लिए सरकार से मिलती है सब्सिडी
उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग उत्तर प्रदेश की तरफ से राष्ट्रीय औद्यानिक मिशन के तहत किसानों की आर्थिक मदद भी दी जाती है। छोटे और सीमांत किसानों के लिए कुल लागत का 50 प्रतिशत या अधिकतम 35000 रुपए प्रति हेक्टेयर लाभ दिया जाता है और एक लाभार्थी को सिर्फ दो हेक्टेयर जमीन तक ही लाभ दिया जाता है। अन्य किसानों के लिए कुल लागत का 33 प्रतिशत या अधिकतम 23100 रुपए प्रति हेक्टेयर दिया जाता है और एक लाभार्थी को सिर्फ चार हेक्टेयर ज़मीन पर ही लाभ दिया जाता है।
प्रति एकड़ रजनीगंधा की जैविक खेती से कितनी होगी कमाई?
आपको बता दें कि एक एकड़ की रजनीगंधा की फूलों की खेती में लगभग एक लाख रजनीगंधा के फूलों की पैदावारी होती है। मार्केट में रजनीगंधा की एक फूल की कीमत 1.5 से 8 रुपए तक है। आपको बता दें आप प्रति एकड़ रजनीगंधा की फूलों की खेती से लगभग 1.5 लाख रुपये से 8 लाख रुपये तक की कमाई कर सकते हैं।
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