अमेरिका के राष्ट्रीय पर्यावरण सूचना केंद्र के अनुसार, भारत का 25 प्रतिशत से अधिक हिस्सा सूखे का सामना कर रहा हैं। अमेरिकी मौसम एजेंसी के मुताबिक अक्टूबर महीने के दौरान देश के उत्तरी, पूर्वी और तटीय दक्षिण-पश्चिम हिस्सों में सूखे की स्थिति देखने को मिली है। एजेंसी ने कहां है कि राजस्थान और पंजाब को छोड़कर देश के लगभग सभी राज्यों में सूखे की मार हैं। अक्टूबर में वैश्विक स्तर पर बढ़ा हुआ तापमान सूखे की प्रमुख वजहों में से एक है। अक्टूबर में वैश्विक सतह का तापमान 20वीं सदी के औसत 14 डिग्री सेल्सियस से 1.34 डिग्री सेल्सियस अधिक था, और अक्टूबर 2015 में निर्धारित पिछले रिकॉड से 0.24 डिग्री सेल्सियस अधिक था।
अमेरिकी मौसम एजेंसी ने कहां है कि इस बात की लगभग 99 प्रतिशत संभावना है कि 2023 अब तक के सबसे गर्म वर्ष के रूप में दर्ज किया जाएगा। भारतीय मौसम विभाग के मुताबिक, मानसून के बाद की अवधि के दौरान देशभर में औसत से 27 प्रतिशत कम बारिश हुई हैं। सूखे के कारण जल संकट भी बढ़ गया है। कई गांवों में पानी की कमी हो गई है।
लोगों को दूर-दूर से पानी लाने के लिए जाना पड़ रहा है। अमेरिकी मौसम एजेंसी ने कहा कि भारत में सूखे की स्थिति अगले कुछ महीनों तक बनी रहेगी। सूखे के कारण भारत की अर्थव्यवस्था पर भी असर पड़ सकता है। कृषि भारत की अर्थव्यवस्था का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। सूखे के कारण कृषि उत्पादन में कमी आएगी, जिससे आर्थिक विकास पर असर पड़ सकता है।
यह भी पढ़े: सरकार जल्द ही पेश करेगी आवारा पशुओं की नसबंदी के लिए टीका, जानिए क्यों?
जागरूक रहिए व नुकसान से बचिए और अन्य लोगों के जागरूकता के लिए साझा करें एवं कृषि जागृति, स्वास्थ्य सामग्री, सरकारी योजनाएं, कृषि तकनीक, व्यवसायिक एवं जैविक खेती संबंधित जानकारियां प्राप्त करने के लिए कृषि जागृति चलो गांव की ओर के WhatsApp Group से जुड़े रहे या कृषि संबंधित किसी भी समस्या के जैविक समाधान के लिए हमे WhatsApp करें। धन्यवाद