कोझिकोड स्थित भारतीय मसाला अनुसंधान संस्थान ने आईआईएसआर चंद्रा नामक काली मिर्च की अधिक उपज देने वाली एक नई किस्म विकसित की हैं। संस्थान ने इस किस्म का जीनोम अनुक्रमण भी पूरा कर लिया है। आईआईएसआर चंद्रा को चोलामुंडी और थोम्मनकोड किस्मों के संकर से बनाया गया है। बाद में इस संकर का थोम्मनकोडी के साथ हाइब्रिडाइजेशन कराया गया। इसकी खेती से किसानों को प्रति बेल लगभग 7.5 किलोग्राम काली मिर्च का उत्पादन होगा।
भारतीय मसाला अनुसंधान संस्थान के निर्देशक आर दिनेश ने कहां कि यह किस्म भारत के काली मिर्च क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव लाएगी। आईआईएसआर चंद्रा संभावित रूप से मौजूदा किस्मों को पीछे छोड़कर उनकी जगह ले लेगी। संस्थान ने किसानों और नर्सरी को उत्पादन लाइसेंस जारी करके आईआईएसआर चंद्रा का प्रचार करने का लक्ष्य रखा हैं। इस काली मिर्च की नई किस्म की खेती बड़े पैमाने पर बढ़ावा देने के लिए आठ वाणिज्यिक उत्पादन लाइसेंसों को अंतिम रूप देने की योजना पर काम चल रहा हैं।
आईआईएसआर चंद्रा काली मिर्च किस्म का विकास काली मिर्च उद्योग के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। यह किस्म किसानों की आय बढ़ाने और काली मिर्च उत्पादन में वृद्धि करने में मदद करेगी। आईआईएसआर चंद्रा काली मिर्च किस्म के उद्योग के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। यह किस्म किसानों की आय बढ़ाने और काली मिर्च उत्पादन में वृद्धि करने में मदद करेगी।
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