रायपुर, छत्तीसगढ़ जिले में प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत घोटाले की खुलेआम चर्चा हो रही है। रायपुर क्षेत्र में किसानों को स्प्रिंकलर और पाइप की सप्लाई नहीं पहुंची इसके बावजूद जिम्मेदार अधिकारियों ने फर्म को सीधे पैसे पहुंचा दिया। इसके लिए अधिकारियों ने चालाकी से किसानों से बिना बताए उनके आवेदन पत्र भरवा लिए। साथ ही इनमें फोटो किसी की थी और नाम किसी और का था। सबसे खास बात यह रही कि अधिकारियों ने आनन-फानन में अनपढ़ लोगों के हस्ताक्षर को अंग्रेजी में बदल दिया।
जनसुनवाई में कुछ शिकायतों के बाद जिलाधिकारी ने मामले की जांच कराई, जांच में पुष्टि होने के बाद रिपोर्ट शासन को भेज दी गई है। इस मामले में तत्कालीन कृषि एवं भूमि संरक्षण अधिकारी रायपुर (जो अब कृषि संचालनालय में हैं) ने बतौर जिलाधिकारी के खिलाफ विभागीय जांच की मंजूरी दे दी है। कुछ लोगों ने जिलाधिकारी से शिकायत की थी कि प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना में कुछ गड़बड़ी हो रही है। इस पर जिलाधिकारी ने मुख्य विकास अधिकारी को निर्देश दिया है कि इस मामले की जांच के लिए एक कमेटी बनाई जाए।
यह गड़बड़ी एक गंभीर मामला है। इस गड़बड़ी से सरकार की छवि को नुकसान पहुंच रहा है। साथ ही, इससे किसानों का विश्वास भी टूट रहा है। सरकार को इस गड़बड़ी को गंभीरता से लेते हुए सख्त कार्रवाई करने की आवश्यकता है। इसलिए, जरूरी है कि इस योजना की पूरी पारदर्शिता के साथ निगरानी की जाए। किसानों को भी योजना के लाभों के बारे में जागरूक किया जाना चाहिए, ताकि वे इस योजना का लाभ उठा सकें।
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