चने में रोग का प्रकोप शुरू, बदलते मौसम के साथ चने की फसल में कई तरह के रोग लगने की संभावना बढ़ जाती है, अगर आपने मिट्टी एवं बीज को उपचारित कर के बुवाई नहीं की है तो, आपके आलू की फसल में रोग एवं किट लगने की संभावना अधिक है, लेकिन कृषि जागृति आपको उचित देखभाल और उचित प्रबंधन बताएगा जिससे आप अपनी चने की फसल को कई तरह के बीमारियों से छुटकारा दिला सकते हैं। यदि चने की फसल में रोग लग जाए तो यह फसल को भारी नुकसान पहुंचाता है।
चने की फसल में लगने वाला उकठा रोग का कारण
यह एक कवक रोग है। एक ही फसल को बार-बार उगाने से इस बीमारी का खतरा बढ़ जाता है। इस रोग के कारण फसल की पैदावार 10 से 12 प्रतिशत तक कम हो जाती है। यह रोग मिट्टी और बीजों से शुरू होता है। इसलिए आप चने की बुवाई करने से पहले मिट्टी एवं बीज को उपचारित करें। ध्यान रहे एक ही फसल को लगातार तीन साल तक बुवाई न करें। तीन साल के बाद दूसरी फसल लगाएं उस खेत में।
चने की फसल में उकठा रोग का लक्षण
चने की फसल में लगे इस रोग की शुरुआत में पौधों की ऊपरी पत्तियां मुरझाने लगती हैं। प्रभावित पौधों में फूल एवं फल नहीं बनते हैं। रोग बढ़ने पर पौधे सूखने लगते हैं।
चने की फसल में उकठा रोग पर जैविक नियंत्रण के उपाय
चने की फसल को उकठा रोग से बचाने के लिए फसल चक्र अपनाएं। रोग प्रतिरोधी किस्मों का चयन करें। चने की बुआई से पहले बीज को 10 मिली जी बायो फॉस्फेट एडवांस या जी डर्मा प्लस से प्रति किलोग्राम बीज को उपचारित कर 30 मिनट तक किसी छायादार स्थान पर सुखा ले फिर बुवाई करें। बुवाई करने से पहले मिट्टी को उपचारित करें। मिट्टी उपचारित करने के लिए 100 से 150 किलोग्राम 12 माह पुरानी सड़ी हुई गोबर की खाद या वर्मी कंपोस्ट 10 किलोग्राम जी-सी पावर, 4 किलोग्राम जी-वैम मिलकर प्रति एकड़ खेत में छिड़काव करें।
जब फसल 40 से 45 दिन की हो जाए तो सिंचाई करने के लिए 100 से 150 किलोग्राम जी-प्रोम एडवांस, 500 मिली जी बायो फॉस्फेट एडवांस को अच्छी तरह किसी छायादार स्थान पर मिलाकर कर 30 मिनट तक के लिए हवा लगने दे फिर प्रति एकड़ खेत में छिड़काव कर चिंचाई करें। सिंचाई करने के 10 दिन बाद जब खेत में पैर सहने लहायक हो जाए तब आप 10 मिली जी बायो फॉस्फेट एडवांस को 15 लीटर पानी के टैंक में मिलाकर स्प्रे करें। बेहतर परिणाम के लिए एक सप्ताह बाद पुनः स्प्रे करें। ध्यान रखें प्रति एकड़ खेत में स्प्रे करने के लिए 75 लीटर पानी की आवश्यकता होती है।
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