मध्य प्रदेश की इंदौर मंडी में 25 से 01 दिसंबर के दौरान सोयाबीन की कीमतों में 1.19 प्रतिशत यानी 60 प्रति क्विंटल की गिरावट देखने को मिली। 25 नवंबर को सोयाबीन के भाव 5,010 रुपए प्रति क्विंटल थे, जो 01 दिसंबर को घटकर 4,950 रुपए प्रति क्विंटल दर्ज किए गए। केंद्र सरकार द्वारा सोयाबीन के लिए 4,600 रुपए प्रति क्विंटल का न्यूनतम समर्थन मूल्य निर्धारित किया गया है। सोयाबीन की कीमतों में पिछले एक महीने में 6.2 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई और पिछले तीन महीनों में कीमतों में 5 प्रतिशत की बढ़ोतरी देखने को मिली है।
हालांकि, पिछले छह महीनों में कीमतों में 1 प्रतिशत की मामूली गिरावट आई है और पिछले एक साल में गिरावट का स्तर 6.8 प्रतिशत पर है। मिलर्स और स्टॉकिस्ट मौजूदा कीमतों पर सक्रिय रूप से खरीदारी कर रहे हैं, जिससे मौजूदा स्तरों पर कीमतों को समर्थन मिल रहा है। बीते हफ्ते के दौरान मध्य प्रदेश की मंडियों में कुल 13.25 लाख बोरी सोयाबीन की आवक हुई। महाराष्ट्र की मंडियों में कुल आवक 12.35 लाख बोरी दर्ज की गई, जबकि राजस्थान में आवक 2.7 लाख बोरी रही।
केंद्रीय कृषि मंत्रालय के अनुसार, खरीफ सीजन के दौरान देशभर में लगभग 124.11 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल में सोयाबीन की फसल बोई गई। सोयाबीन के तहत क्षेत्रफल में पिछले साल की इसी अवधि की तुलना में 4 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। सोयाबीन प्रोसेसर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, तेल वर्ष 2023-24 के दौरान सोयाबीन की पेराई बढ़कर 120 लाख टन तक पहुंचने का अनुमान है, जो पिछले साल के 115 लाख टन से 4.34 प्रतिशत अधिक है।
इसी अवधि के दौरान देश में 94.69 लाख टन तक सोया खली के उत्पादन का अनुमान है, जो पिछले वर्ष के 91.79 लाख टन की तुलना में 3 प्रतिशत ज्यादा है। सोपा का अनुमान है कि चालू तेल वर्ष के दौरान देश में 5 लाख टन सोयाबीन का आयात होगा, जो पिछले वर्ष की तुलना में 29 प्रतिशत कम होगा। सोयाबीन का निर्यात पिछले वर्ष के 22 हजार टन की तुलना में थोड़ा बढ़कर 25 हजार टन पर पहुंचने की उम्मीद है।
तेल वर्ष 2023-24 के अंत में सोयाबीन का पिछले साल का शेष स्टॉक 10.06 लाख टन रहने का अनुमान है, जबकि बीते साल की इसी अवधि के दौरान यह 24.07 लाख टन पर था। घरेलू सोयाबीन की आपूर्ति और मांग में संतुलन बना हुआ दिख रही है, जिससे कीमतें नियंत्रित रहने की संभावना है। अगले कुछ दिनों में सोयाबीन की कीमतें 5000 से 5300 रुपए प्रति क्विंटल के बीच रह सकती है। हम किसानों को 5200 रुपए प्रति क्विंटल के भाव पर फसल बेचने की सलाह देते हैं।
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