मौजूदा रबी मौसम के दौरान 8 दिसंबर तक बुवाई का रकबा 515 लाख हेक्टेयर पर पहुंच गया है। रबी की लगभग 80 प्रतिशत बुवाई पूरी हो चुकी है। हालांकि, अभी भी रबी फसलों का रकबा साल भर पहले की इसी अवधि के दौरान के 529.82 लाख हेक्टेयर से 3 प्रतिशत कम है।केंद्रीय कृषि मंत्रालय के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, देश भर 250 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल में गेहूं की फसल बोई गई है। गेहूं का रकबा पिछले साल के इसी अवधि के दौरान के 251.19 लाख हेक्टेयर के मुकाबले 0.9 प्रतिशत घंटा है।
उत्तर और मध्य प्रदेश में गेहूं के तहत क्षेत्रफल में वृद्धि देखने को मिली है। दलहनी फसलों का रकबा 8.4 प्रतिशत की गिरावट के साथ 119.16 लाख हेक्टेयर पर आ गया है। पिछले साल के इसी अवधि के दौरान के 130.03 लाख हेक्टेयर में दलहनी फसलें बोई गई थी। दालों में मसूर और चने का रकबा पिछले चल रहा है। चने के तहत क्षेत्रफल में 10 फीसदी की जबकि मसूर के तहत क्षेत्रफल में 4 प्रतिशत की कमी आई है।
मोटे अनाजों की बुवाई का रकबा पिछले साल के इसी अवधि के दौरान के 42.35 लाख हेक्टेयर के मुकाबले 2 प्रतिशत घटकर 41.48 लाख हेक्टेयर पर आ गया है। मोटे अनाजों में ज्वार के रकबे में 6 प्रतिशत की कमी आई है, जबकि मक्के का रकबा 2 प्रतिशत बढ़ा है। सरसों के तहत क्षेत्रफल में वृद्धि से तिलहनी फसलों के रकबे में बढ़ोतरी देखने को मिल रही है। तिलहनी फसलों का रकबा साल भर पहले के 94.35 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 95.31 लाख हेक्टेयर पर पहुंच गया है। सरसों का रकबा 89.18 लाख हेक्टेयर हो गया है, जो साल भर पहले के 87.24 लाख हेक्टेयर से 2 प्रतिशत बढ़ा है।
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