भारतीय खाद्य मंत्रालय जल्द ही एक ऐसी योजना के लिए कैबिनेट की मंजूरी लेगा, जिससे मक्का किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी एमएसपी की गारंटी मिलेगी, जबकि डिस्टिलरी को इथेनॉल उत्पादन के लिए कच्चे माल की आपूर्ति बिना रोक टोक के मिलेगी। इस नई योजना का खुलासा करते हुए, खाद्य मंत्रालय के एक सूत्र ने कहा कि मंत्रियों की समिति ने सैद्धांतिक रूप से इस योजना को मंजूरी दे दी है, जिसके तहत सहकारी संस्थाएं नेफेड और एन.सी.सी.एफ किसानों से सीधे एमएसपी पर मक्का खरीदेंगे।
आपको बता दें कि 2023-24 के लिए मक्के की न्यूनतम दर ₹ 2,090 रुपए प्रति क्विंटल है। खाद्य मंत्रालय के सबसे वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, एमएसपी पर मक्के की खरीद करने, इसका उत्पादन बढ़ाने और भारतीय मक्का अनुसंधान संस्थान और कृषि मंत्रालय के सहयोग से इसकी उत्पादकता बढ़ाने की एक बड़ी योजना चल रही है। बतादें कि भारत में प्रति वर्ष लगभग 36 मिलियन टन मक्का का उत्पादन होता है। बिहार भारत के सबसे बड़े मक्का उत्पादक राज्यों में से एक है।
योजना के तहत, सहकारी समितियां पहले उन किसानों को पंजीकृत करेंगी जो मक्के की खेती करना चाहते हैं। किसानों को एमएसपी पर अपनी फसल बेचने के लिए सहकारी समितियों के पास अपना मक्का ले जाना होगा। योजना को लेकर किसानों में काफी उत्साह है। वे मानते हैं कि यह योजना उनकी आय बढ़ाने में मदद करेगी।
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