हिमाचल प्रदेश में मानसून सीजन के दौरान हुई भारी बारिश और भूस्खलन से फसल बर्बाद होने के चलते कीमतों में वृद्धि देखने को मिल रही है। थोक और खुदरा बाजारों में सेब की कीमतें लगभग दोगुनी हो गई हैं। एगमार्कनेट पर उपलब्ध जानकारी के अनुसार हिमाचल प्रदेश की ऊन में डिलीशियस किस्म के सेब का औसत भाव 8 दिसंबर को 11,000 रुपए प्रति क्विंटल तक बढ़ गया था। साल भर पहले की इसी अवधि में डिलीशियस किस्म के सेब का औसत भाव लगभग 7,000 रुपए प्रति क्विंटल के आसपास था।
एप्पल ग्रोअर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष रविंदर चौहान ने बिजनेस लाइन से कहां कि पूरे राज्य में हुई मूसलाधार बारिश ने उत्पादन के साथ-साथ फलों की गुणवत्ता को भी प्रभावित किया है। हिमाचल प्रदेश की अर्थव्यवस्था में सेब का लगभग 6,000 करोड़ का योगदान है। हालांकि, इस साल अच्छी कीमतों के बावजूद सेब की अर्थव्यवस्था सिकुड़कर 3,000 से 4,000 करोड़ तक आने का डर है।
मालूम हो कि हिमाचल प्रदेश देश का दूसरा सबसे बड़ा सेब उत्पादक राज्य है, जिसकी देश के कुल सेब उत्पादन में एक-चौथाई हिस्सेदारी है। देश के सेब उत्पादन में लगभग 70 प्रतिशत योगदान के साथ कश्मीर सेब उत्पादन में पहले स्थान पर है। कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य निर्यात विकास प्राधिकरण (ए.पी.डा) के आंकड़ों के मुताबिक, 2021-22 के दौरान भारत में 24.4 लाख टन सेब का उत्पादन हुआ था। इसमें से 17.2 लाख टन उत्पादन हिमाचल प्रदेश में हुआ था।
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