देश के कई हिस्सों में गेहूं की फसल की बुवाई हो गई है। ऐसे में भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (IARI) पूसा के वैज्ञानिकों ने किसानों को एडवाइजरी जारी की है। पूसा के कृषि वैज्ञानिकों का कहना है कि जिन किसानों की गेहूं की फसल की बुवाई को 21 से 25 दिन की हो गई है उन्हें अगले पांच दिनों तक मौसम की संभावना को ध्यान में रखते हुए गेहूं की बेहतर पैदावार के लिए पहली सिंचाई कर देनी चाहिए।
गेहूं की पहली सिंचाई करने से एक दिन पहले या सिंचाई करने के 3 से 5 दिन बाद गेहूं में खाद दाल सकते है। इससे गेहूं की फसल को दीमक के प्रकोप से बचाया जा सकेगा। किसान अपने गेहूं की पहली सिंचाई करने के लिए 100 से 150 किलोग्राम 12 माह पुरानी सड़ी हुई गोबर की खाद या वर्मी कंपोस्ट के 10 किलोग्राम जी-प्रोम एडवांस में 500 मिली जी-बायो फॉस्फेट एडवांस या जी-डर्मा प्लस को किसी छायादार स्थान पर मिलाकर 30 मिनट हवा लगने के बाद संध्या के समय प्रति एकड़ खेत में छिड़काव कर सिंचाई करें।
ये गेहूं की पहली सिंचाई के लिए जैव उर्वरक का प्रबंध हैं अगर आप रासायनिक उर्वरक का प्रबंध कर गेहूं की पहली सिंचाई करना चाहते हैं तो आप इसके लिए 25 किलोग्राम यूरिया, 15 किलोग्राम डीएपी और 10 किलोग्राम जी-सी पावर, 10 किलोग्राम जी-प्रोम एडवांस या 10 किलोग्राम जाईम को मिलाकर कर प्रति एकड़ खेत में छिड़काव कर सिंचाई करें। किसानों को सलाह है कि जिन्होनें गेहूं की बुवाई नहीं की है वो जल्दी ही बुवाई कर दें नहीं तो फसल की पैदावार पर असर हो सकता है।
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