देश का वनस्पति तेल आयात 2023-24 के पहले महीने नवंबर में 25 प्रतिशत घटकर 11.60 लाख टन रह गया। जबकि एक साल पहले समान अवधि में यह 15.45 लाख टन था। तेल उद्योग संगठन एस.ई.ए ने कहा कि नवंबर के महीने में कुल वनस्पति तेल आयात में से खाद्य तेल 11.48 लाख टन और अखाद्य तेल 12,498 टन रहा। सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया ने कहा कि नवंबर में देश का कच्चा वनस्पति तेल आयात 26.34 प्रतिशत घटकर 9.77 लाख टन रह गया जबकि एक साल पहले की अवधि में यह 13.26 लाख टन था।
रिफाइंड पामोलीन का आयात बढ़ा
रिफाइंड वनस्पति तेलों का आयात इस साल नवंबर में 15.41% घटकर 1.71 लाख टन रह गया जो पिछले साल की समान अवधि में 2.02 लाख टन था। पामोलीन आयात में बढ़ोतरी का मुख्य कारण निर्यातक देशों मलेशिया और इंडोनेशिया द्वारा अपने उद्योग को दिया गया प्रोत्साहन है। दोनों देशों ने कच्चे पाम पर अधिक निर्यात शुल्क और रिफाइंड पामोलीन पर कम निर्यात शुल्क रखा है।
भारत इंडोनेशिया और मलेशिया से पाम तेल और अर्जेंटीना से सोयाबीन तेल सहित थोड़ी मात्रा में कच्चे नरम तेल का आयात करता है।वनस्पति तेल की कीमतों में वृद्धि से भारत के उपभोक्ताओं की लागत बढ़ रही है। सरकार ने खाद्य तेल की कीमतों को नियंत्रित करने के लिए कुछ कदम उठाए हैं, लेकिन इन कदमों का प्रभाव अभी तक दिखाई नहीं दिया है।
यह भी पढ़े: जीरे की कीमतों में गिरावट का रुझान
जागरूक रहिए व नुकसान से बचिए और अन्य लोगों के जागरूकता के लिए साझा करें एवं कृषि जागृति, स्वास्थ्य सामग्री, सरकारी योजनाएं, कृषि तकनीक, व्यवसायिक एवं जैविक खेती संबंधित जानकारियां प्राप्त करने के लिए कृषि जागृति चलो गांव की ओर के WhatsApp Group से जुड़े रहे या कृषि संबंधित किसी भी समस्या के जैविक समाधान के लिए हमे WhatsApp करें। धन्यवाद