महाराष्ट्र की मंडियों में प्याज की कीमतें 2,000 रुपए प्रति क्विंटल से लुढ़ककर सिर्फ 100 रुपए प्रति क्विंटल रह गई हैं। प्याज की कीमतों इस बड़ी गिरावट से प्याज उत्पादक किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है। प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध से प्याज की कीमतें औंधे मुंह गिर गई हैं। नतीजतन किसानों को भारी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है। किसान नेताओं के मुताबिक निर्यात प्रतिबंध से प्याज किसानों को अब तक तकरीबन 1200 करोड़ का नुकसान हुआ है।
केंद्र सरकार की प्याज से जुड़ी नीतियों को लेकर किसानों में काफी नाराजगी देखने को मिल रही है। अब महाराष्ट्र के किसान केंद्र सरकार की विपणन और निर्यात नीतियों के विरोध में बाजार बंद आंदोलन की तैयारी कर रहे हैं। नासिक क्षेत्र में प्याज उत्पादकों द्वारा कई बैठकों की जा रही हैं। इन बैठकों में सरकार की नीतियां का विरोध कैसे किया जाए। इस पर रणनीति तय की जा रही है। बाजार में प्याज की आपूर्ति रोकने और कृषि उपज बाजार समितियों का बहिष्कार करने जैसे विकल्पों पर विचार किया जा रहा है।
यह मुद्दा महत्वपूर्ण है क्योंकि यह किसानों और सरकार के बीच संबंधों को दर्शाता है। यह कृषि क्षेत्र में मौजूद चुनौतियों को भी उजागर करता है। यह भी ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि यह एक जटिल मुद्दा है और दोनों पक्षों के अपने-अपने तर्क हैं। यह आंदोलन महाराष्ट्र के प्याज उत्पादक किसानों के लिए महत्वपूर्ण है। यह आंदोलन उनकी आय और आजीविका को प्रभावित करेगा।
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