अपने देश में लहसुन का इस्तेमाल खास तौर पर मसाले के रूप में किया जाता है। किसान इसकी अच्छी एवं ज्यादा पैदावार लेने के लिए तरह-तरह के खादों और न्यूट्रिएंट्स का प्रयोग करते हैं। लेकिन लहसुन की फसल में खाद व उर्वरक की मात्रा भूमि की उर्वरता पर निर्भर करती है। सामान्यतौर पर प्रति एकड़ 100 से 150 किलोग्राम 12 माह पुरानी सड़ी हुई भुरभुरी व थोड़ी नमी वाली गोबर की खाद या वर्मी कम्पोस्ट में 10 किलोग्राम समुद्री शैवाल जी-सी पावर और 10 किलोग्राम जी-प्रोम एडवांस को मिलाकर छिड़काव करना चाहिए मिट्टी उपचार के लिए।
जैसा की आप सभी जानते है कि एक पौध को स्वस्थ एवं रोगमुक्त रहने के लिए 16 पोषक तत्व की जरूरत होती है। जिसमें से तीन पोषक तत्व हवा, पानी और सूर्य के प्रकाश पौध को वायुमंडल से प्राप्त होते हैं और 13 पोषक तत्व में से 7 तत्व मिट्टी से प्राप्त होते है जो सुक्ष्म होते हैं और इसके अलावा अन्य तत्व किसान स्वयं देते है। जिसमें से प्रचलित तत्व है नाइट्रोजन, फास्फोरस और पोटेशियम हैं।
अगर आप चाहते हैं लहसुन की फसल को ये सभी पोषक तत्व देना तो इसके लिए आपको 100 से 150 किलोग्राम 12 माह पुरानी सड़ी हुई भुरभुरी व थोड़ी नमी वाली गोबर की खाद या वर्मी कंपोस्ट में 10 किलोग्राम जी-सी पावर और 10 किलोग्राम जी-प्रोम एडवांस और 500 मिली जी-पोटाश को किसी छायादार स्थान पर मिलकर पहली सिंचाई के समय प्रति एकड़ लहसुन की फसल में छिड़काव करें। इससे लहसुन की अच्छी और ज्यादा पैदावार प्राप्त करने में मदद मिलती है।
लहसुन की मोटाई और वजन बढ़ाने के लिए इस खाद का करें इस्तेमाल
लहसुन की फसल में आप कंद का वजन और साइज बढ़ाने के लिए कैल्शियम नाइट्रेट का प्रयोग कर सकते हैं। यह कंद वर्गीय फसलों के लिए एक बड़ा अच्छा उत्पाद है। कैल्शियम नाइट्रेट द्वितीय पोषक तत्व में आता है। कैल्शियम नाइट्रेट आपको बाजार में कई प्रकार के मिलते हैं। कुछ बोरोनेट कैल्शियम नाइट्रेट होते हैं। जिनमें कैल्शियम के साथ बोरोन मिक्स होता है। और कुछ में कैल्शियम के साथ-साथ कुछ और सूक्ष्म पोषक तत्व भी मिक्स होते हैं।
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