मौजूदा समय में पूरे उत्तर भारत में शीतलहर का प्रकोप जारी है। केवल इंसान ही नहीं, बल्की पशु भी इससे परेशान है। हरियाणा सरकार के पशुपालन विभाग द्वारा पशुओं को शीतलहर से बचाव हेतु सभी जिलों के लिए सलाह जारी की हैं। इसके अलावा, विभाग ने पशु चिकित्सकों को भी अलर्ट रहने के निर्देश दिए हैं।
पशुपालक विभाग की सलाह में बताया गया है कि शीतलहर में पशुओं के शरीर का तापमान कम हो जाता है और उन्हें सांस लेने में तकलीफ होने लगती है। इसके अतिरिक्त, खांसी व निमोनिया जैसी बीमारियां होने लगती है। जिसके कारण पशु खाना पीना छोड़ देते हैं और दूध उत्पादन भी कम हो जाता है। शीतलहर से बचाव करके इन बीमारियों से पशुओं को बचाया जा सकता है।
पशुओं को शीतलहर से बचाने के लिए करे ये कार्य
- पशुओं को उचित खुराक, गुड़ व मिनरल मिश्रण अवश्य दें।
- पशुओं को धूप निकलने पर ही बाहर निकालें।
- शीतलहर से बचाव के लिए सभी पशुओं को कृमिनाशक दवाइयां दें।
- पशुओं को नियमित तौर पर गुड़ व खनिज मिश्रण देते रहे।
- पशुओं को नहलाने के लिए गरम, गुनगुने पानी का इस्तेमाल करें।
- पशुओं के बैठने का स्थान को सुखा रखें।
- पशुओं के टीन शेड को पराली से ढक कर रखें।
विभाग के एक प्रवक्ता ने कहां कि सभी पशुपालकों से आग्रह है कि वे पशुओं को शीतलहर से बचाव के लिए हरियाणा पशुपालन विभाग द्वारा जारी इस सलाह का पालन कर पशुपालक अपने पशुधन को शीतलहर से बचाकर रख सकते हैं। यदि पशुओं में ठंड के कोई लक्षण दिखाई दे तो तुरंत नजदीकी पशु चिकित्सक से संपर्क करें।
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