भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के लिए महानिदेशक डॉ. हिमांशु पाठक ने कहां कि किसानों की आय को दोगुना करने के लिए औषधीय और सुगंधित पौधों की खेती सबसे अच्छे विकल्पों में से एक है। गुजरात के आनंदा में किसान मेले का उद्घाटन समारोह में उन्होंने यह बात कही।डॉ पाठक ने कहां कि आधुनिक चिकित्सा और फार्मास्युटिकल उद्योग में प्रगति के बावजूद औषधीय और सुगंधित पौधों की मानव की प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका है।
देश में जड़ी-बूटी आधारित उद्योग तेजी से बढ़ रहा है, जिसके परिणामस्वरूप औषधीय और सुगंधित पौधों मांग बढ़ रही है। किसान मेले के दौरान 2000 से अधिक किसानों ने भाग लिया, जिनमें से आधी महिला किसान थी। किसान मेले में 500 से अधिक स्कूली बच्चे भी आए। 30 स्टालों में से तीन सर्वश्रेष्ठ स्टॉल को पुरस्कार भी दिया गया।
मेले में महाराष्ट्र, राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, केरल, बिहार, झारखंड और गुजरात जैसे राज्यों के किसानों ने भाग लिया। मेलों में शामिल हुए किसानों ने बताया कि वे औषधीय और सुगंधित पौधों की खेती के बारे में पहले से नहीं जानते थे। लेकिन, मेलों में उन्हें इन पौधों की खेती के बारे में बहुत कुछ नया सीखने को मिला।
किसानों ने कहा कि वे इन पौधों की खेती करके अपनी आय बढ़ाने की योजना बना रहे हैं। औषधीय और सुगंधित पौधों की खेती किसानों की आय बढ़ाने का एक बेहतरीन तरीका है। सरकार भी इस दिशा में कई योजनाएं चला रही है। इसलिए, किसानों को इन पौधों की खेती के बारे में जानकारी प्राप्त करनी चाहिए और इन पौधों की खेती करके अपनी आय बढ़ानी चाहिए।
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