महाराष्ट्र में किसानों को फसलों से फायदों की जगह नुकसान ज्यादा हो रहा है। देश के कई मंडियों में फिर किसान 1 से 2 रुपए प्रति किलो के रेट पर प्याज बेच रहे हैं। प्याज की आवक में वृद्धि होते ही दाम जमीन पर आ गए है। सोलापुर और राहुरी मंडी में किसानो को 10 फरवरी को प्याज का न्यूनतम दाम सिर्फ 1 रुपए प्रति किलो मिला। जबकि मनमाड़ में 2 रुपये प्रति किलो का दाम रहा है।
राहुरी मंडी में सिर्फ 5658 क्विंटल प्याज की आवक हुई, इसके बावजूद न्यूनतम दाम 100 रुपये प्रति क्विंटल रहा। जबकि अधिकतम दाम 1500 और औसत दाम 900 रुपये प्रति क्विंटल रहा। सोलापुर मंडी में 10 फरवरी को सिर्फ 34250 क्विंटल प्याज आया तब भी यहां न्यूनतम दाम 100 रुपये प्रति क्विंटल रहा। आठ फरवरी को यहां अधिकतम दाम 1800 जबकि औसत दाम 1000 रुपये प्रति क्विंटल रहा।
अब प्याज के किसान क्या करे!
अगर सभी किसानों के लिए प्याज स्टोरेज बनवा दे। ऐसा होने से किसान मजबूरी में सस्ते दाम पर प्याज नहीं बेचेगा। वरना स्टोरेज के अभाव में मौसम को देखते हुए वो सस्ते में प्याज बेचने के लिए मजबूर रहेगा। यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि प्याज के दाम अस्थिर हैं और वे किसी भी समय बदल सकते हैं। यह भी ध्यान दें कि सभी मंडियों में प्याज के दाम एक रुपए किलो नहीं हैं। कुछ मंडियों में प्याज के दाम अभी भी 20 से 30 रुपए प्रति किलो हैं।
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